आनलाइन से काम आसान हो गया है ट्रांसपोर्ट लाइन का : transporter-narender-singh
नरेन्द्र जी 35 सालों से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। इनके पास पहले एक ट्रक था अपनी मेहनत और लगन से इन्होंने दो ट्रक तैयार किए। नरेन्द्र जी आज के डिजिटल युग में मोबाइल का प्रयोग करते है। नरेन्द्र जी का कहना है कि आनलाइन सिस्टम से ट्रांसपोर्ट लाइन को बबहुत फायदा हो रहा है। अग हर काम आनलाइन हो जाता है। गाडि़यों के लिए माल भी आनलाइन मिल जाता है। इससे काम आसान हो गया है ट्रांसपोर्ट लाइन का। अब तो गाडि़यों के कागज भी आनलाइन बन जाते है। उनका कहना है कि मैं ऑनलाइन सुविधा का अपयोग करना चाहता हूँ जिससे मेरे खाली ट्रक के लिए माल मिल सके। इनका मानना है कि जब काम की शुरूआत की थी तब काम बहुत ही बढिया चल रहा था। अब दो सालो से ट्रांसपोर्टस का काम मंदा हो गया है। नरेज जी ने बताया कि आए दिन डीजल के रेट बढते रहते, कभी भी गाडी के भाडे नही बढते है। गाडी के भाडे को तो बढना ही चाहिए और डीजल के रेट कम होने चाहिए। नरेन्द्र जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस के काम में गाडियों में ओवर लोड नही होनी चाहिए, इनके हिसाब से गाडियों काे अंडरलोड ही चलाना सही है। नरेन्द्र जी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में सबसे ज्यादा दिक्कत यह देखने को मिलती है कि अच्छे ड्राइवर कम ही मिलते है। टोल टैक्स , रोड टैक्स, इंश्योरेंस इतने महंगे है। आरटीओ वाले और पुलिस वाले अलग से परेशान करते है जब तक हम लोग गाडी की किश्ते पूरी करते है तब तक गाडी की लाइफ खत्म हो जाती है। सरकार से यही कहना चाहते है कि अगर डीजल के रेट बढते है तो भाडे भी बढने चाहिए। सरकार को गाडि़यों की लाइफ बढानी चाहिए। ट्रांसपोर्टस को टैक्स में राहत देनी चाहिए। रोड टैक्स और टोल टैक्स में से एक टैक्स ही होना चाहिए।
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