आनलाइन होने से अब माल के लिए नहीं खाने पड़ते है धक्के : transporter-gurpreet-singh
गुरप्रीत सिंह जी पंजाब के अमृतसर के रहने वाले है। इनके पास खुद के तीन ट्रक है। गुरप्रीत जी 20 सालों हो गए ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते हुए। गुरप्रीत सिंह जी के पिता जी भी ट्रांंसपोर्टस लाइन में काम करते थे। उन्होने बताया कि हमारे पिता जी को 70 साल हो गए ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते हुए । गुरप्रीत सिंह जी के पास 12 ट्रक है। गुरप्रीत जी ने बताया ट्रांसपोर्टस बिजनेस में पहले के मुकाबले काफी चेंज आया है। जीएसटी के लगने से ट्रांसपोर्टस का काम एक नंबर में हो गया है। ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से अब ज्यादातर काम ट्रांसपोट्रस का ऑनलाइन होने लगा है। ऑनलाइन सिस्टम से गाडी के पेपर बनवाने के लिए दफतरों में नही घूमना पडता है। अब गाडी के पेपर को ऑनलाइन भी एप्लाई कर सकते है। गाडी को माल पाने के लिए जगह जगह धक्के खाने पडते थे , अब ऑनलाइन ही गाडी के लिए माल बुक कर सकते है। ऑनलाइन पेमेंट से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी फयदा हुआ है। गुरप्रीत जी ने फास्ट टैग पर विचार रखते हुए कहा कि फास्ट टैग को शुरू कर सरकार ने अच्छा कदम उठाया है। जब गाडी माल लेकर जाती है तो रास्ते में कई टोल बैरियर पडते थे। फास्ट टैग की सहायता से गाडी को टोल बैरियर पर रूकने की आवश्यकता नही पडती है गाडी सीधा ही टोल बैरियर से निकल जाती है अब टोल बैरियर पर गाडियों को लंबी लाइनों में नही लगना पडता है। गुरप्रीत सिंह जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस का बिजनेस इस समय काफी मंदा चल रहा है। गुरप्रीत सिंह जी ने गाडियों में जीपीएस के फायदे के बारे में बातया कि जीपीएस गाडी में लगे होने से गाडी के चोरी होने का खतरा नही रहता है। जीपीएस की सहायता से गाडी पर नजर रख सकते हैफ गुरप्रीत सिंह जी ने ट्रांसपोर्टस लाइन मे होन वाली दिक्कतों के बारे में बताया गाडी ट्रायर इतने मंहगे हो गए है, टोल टैक्स मंहगे हो गए है।गुरप्रीत सिंह जी ने ई वे बिल के फायदों के बारे में बाताया कहा कि व्यपारी का फायदा है। ई वे बिल के आने से बार्डर से बैरियर हट गए है बैरियर के हटने से गाडियों की चैकिंग नही होती है जिससे की ट्रांसपोर्टस का समय बच जाता है। ई वे बिल पास मे होने पर गाडी वाले को पुलिस वाले तंग नही करते है। इनका सुझाव है कि पर किलोमीटर के हिसाब से भाडे का रेट तय होना चाहिए।
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