ट्रांसपोर्ट लाइन के आनलाइन होने से बहुत फायदा है : transporter-dishant
दिशांत जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। दिशांत ने बताया कि वे सन् 2002 से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। जब काम की शुरूआत की थी तब इनके पास अपना खुद का एक ही ट्रक था अब धीरे धीरे बडी मेहनत और लगने से इन्होंने अपनी गाडिया बढाने की सोची फिर एक एक करके इन्होंने 10 ट्रक तैयार किए और अपनी ट्रांसपोर्ट तैयार की। वे मोबाइल व इंटरनेट का प्रयोग करते है। वे कहते है कि गाडियों में फास्ट टैग के लगे होने के काफी फायदे है। फास्ट टैग की सहायता से गाडी सीधा टोल बैरियर से निकल जाती है । फास्ट टैग से टोल के भुगतान के लिए गाडी को ज्यादा समय के लिए टोल बैरियर पर रूकने की आवश्यकता नही पडती है। अब गाडी सीधा टोल बैरियर से निकल जाती है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन के आनलाइन होने से बहुत फायदा है। हर काम अनलाइन हेोने से समय और पैसा दोनों बच जाता है। नई पीढी तो आनलाइन सिस्टम से ही काम कर रही है ट्रांसपोर्ट लाइन में । अब अनालाइन माल मिल रहा है। वे कहते है कि हम ट्रक सुविधा डॉट कॉम से जुडना चाहते है। क्योंकि इससे आसानी से माल मिल जाता है। दिशांत ने बताया कि जब से जीएसटी लगी है हमे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नही है। जब से काम शुरू किया है तब से लेकर अब तक का समय ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में बेहतर रहा है। दिशांत का मानना है कि गाडियों के भाडा बढना चाहिए। वे कुछ हद तक तो ओवरला्ेड को सही भी मानते है। उनका कहना है कि अगर ओवरलोड न करे तो ना तो माल मिलता है और ना ही खर्च निकल पाता है। दिशांत जी ने बताया कि गाडियों में जीपीएस के लगे हाने के काफी फायदे होते है। जीपीएस की सहायता से गाडी की स्पीड देखी जा सकती है। जीपीएस की सहायता से गाडी पर पूरी नजर रखी जा सकती है। दिशांत जी ने बताया कि दिशांत जी का सुझाव है कि सरकार को डीजल के रेट कम करने चाहिए। गाडी को समय से माल मिले एक रूल बनाना चाहिए।
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