transporter-vijay-kumar ने मेहनत कर बनाए 45 ट्रक
विजय कुमार जी हिमाचल के रहने के रहने वाले है। विजय कुमार जी के पास 45 गाडियां है। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। विजय कुमार जी ने बताया कि मैने दिन रात काम किया। कभी भी मेहनत से पीछे नहीं हटा। इसका मुझे फल भी मिला। आज मेरे पास 45 ट्रक है, जो मेरी मेहनत का फल है। उनका कहना है कि भले ही इस लाइन में कई दिक्कते उन्हें आई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी और मन लागाकर अपना काम किया। इस काम में सफलता भी पाई। विजय कुमार जी का कहना है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी बदलाव देखने को मिले है। ट्रांसपोर्टस लाइन में ई वे बिल के आने से काफी फायदा है। गाडी को जगह जगह पर रूकना नही पडता है। ई वे बिल का पास में होने से पुलिस वाले और सेल्स टैक्स डिपाटमेंट वाले गाडी वाले को परेशान नही कर सकते है, अब गाडी वाले के पास अपना पक्का बिल होता है, पहले बहुत दिक्कत आती थी। विजय कुमार ने बताया कि फास्ट टैग को शुरू कर सरकार ने अच्छा कदम उठाया है। ई वे बिल की तरह फास्ट टैग भी ट्रांसपोर्टस बिजनेस के लिए काफी फायदेमंद है। फास्ट टैग से टोल बैरियर पर लगने वाली लंबी लाइनों से छुटकारा मिल जाता है। विजय कुमार जी ने नए मोटर व्हीकल एक्ट पर अपने विचार रखते हुए कहा कि पुलिस वाले अपना टारगेट को पूरा करने के लिए किसी का भी चालान काट देते है। चालान के चार गुण रेट बढाने से तो सिर्फ करपशन ही बढेगा। सुधार कम होगा करपशन ज्यादा बढेगा। विजय कुमार जी गाडियों को अंडरलोड ही चलाते है। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है। गाडी का माल भी सुरक्षित रहता है, और गाडी की भी सेफटी बनी रहती है अंडरलोड गाडी को चलाने से। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है आज के समय मे गाडी के खर्चे ज्यादा है गाडी से इंकम कम है पहले इंनकम ज्यादा थी गाडी के खर्चे कम थे। विजय कुमार जी का सुझाव है कि गाडी के यदि खर्चे ज्यादा है तो इंनकम बढनी चाहिए गाडी की तभी फायदा होगा ट्रांसपोर्टस को।
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