ओवरलोड के लिए प्रेशर डालने वाले व्यापारी पर भी जुर्माना होना चाहिए: transporter-jasbeer-singh
जसबीर सिंह जी पंजाब के डेराबस्सी के रहने वाले है। इन्होंने अपनी गाडियां यूनियन में लगा रखी हुई है । इनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन का काम अब बहुत बदल गया है। आनलाइन सिस्टम के कारण काम आसान हो गया है। आनलाइन के कारण समय बच जाता है। इनका कहना है कि गाडियों में जीपीएस के लगे होने से यह फायदा है कि गाडी की लोकेशन का पता रहता है कि गाडी कहां पर खडी है। ई वे बिल का काफी फायदा है ई वे बिल के आने से बार्डर से बैरियर खत्म हो गए है। ई वे बिल से आने से गाडी वाले का समय बच जाता है । अब गाडी वालो को रास्ते में परेशान नही किया जाता है । गाडी भी समय पर माल लेकर पहुंच जाती है। उनका कहना है कि ई वे बिल का कई जगह पर नुकसान भी है , जैसे गाडी को माल पहुंचाने की लिमेट तय कर दी है। कई बार रास्ते में गाडी खराब हो जाती है तो फिर गाडी को जुर्माना पड जाता है। उन्होंने बताया कि लिमिट खत्म होने के कारण उनकी गाड़ी को सेल टैक्स वालो ने पकड लिया था, उन्हें पैसे देकर गाड़ी छुडवानी पडती है। जसबीर सिंह जी का कहना है कि इस बिजनेस मे सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि भाडे के रेट कम है। जबसे जीएसटी लगी है, तब से काम मंदा ही हो गया है। इनका कहना है कि अंडरलोड ही गाडी चलनी चाहिए , लेकिन कई बार फैक्टरियों वाले ज्यादा लोड डालने के लिए प्रेशर डालते है। इस कारण गाड़ी वाले को मजबूरी मेंं ओवरलोड डालना पड़ता है। उनका कहना है कि जो व्यापारी गाड़ी में ओवरलोड करवाते है, उन पर भी जुर्माना लगना चाहिए। उनका सुझाव है कि सरकार को ट्रांसपोर्ट लाइन से टैक्स कम करने चाहिए। इससे इस बिजनेस को थोड़ी राहत मिलेगी।
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