गाडियों के भाडे के रेट परक्रिलोमीटर के हिसाब से ही तय होने चाहिए :transporter-balwan-singh
हरियाण के भिवानी के रहने वाले बलवान सिंह जी सात साल से ट्रांसपाेर्ट लाइन में काम कर रहे है। बलवान सिंह जी ने एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। बलवान सिंह जी ने ट्रांसपोर्टस लाइन में खूब मेहनत की। आज बलवान सिंह जी के पास पांच गाडियां है जो कि उनकी मेहनत का ही नतीजा है। बलवान सिंह जी आज के डिजिटल युग में मोबाइल का प्रयोग करते है। बलवान सिंह जी ऑनलाइन सुविधा से जुडना चाहते है। बलवान जी ने बताया कि वह अपनी मेहनत पर विश्वास करते है अपनी मेहनत के बल पर बलवान सिंह जी ने पांच ट्रक बना लिए। बलवान सिंह जी ने बताया कि गाडियाें में जीपीएस के लगे होने से काफी फायदा हाेता है। जीपीएस की सहायता से गाडी की लोकेशन का पता रहता है कि गाडी किस जगह पर खडी है या फिर चल रही है। किस स्पीड से गाडी चल रही है यह सब जानकारी जीपीएस के माध्यम से पता चल जाता है। वह गाडियों में ओवरलोड को बिल्कुल भी पंसद नही करते है। गाडियों में ओवरलोड डालने से गाडी को ही नुकसान होता है। उनका कहना है कि गाडी के ओवरलोड से टायर जल्दी ही खराब हो जाते है। गाडी की बार बार रिपेयर करवानी पडती है। अंडरलोड गाडी चालने से गाडी को फायदा होता है। गाडी की टूट फूट नही होती है अंडरलोड गाडी चलाने से। बलवान जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस लाइन में सबसे ज्यादा दिक्कत तो इस बात को लेकर आ रही है कि गाडी के भाडे के रेट बढते नही है गाडी के बाकी के खर्चे बढते रहते है। डीजल के रेट आए दिन बढते रहते है। गाडी के इंश्योरेंस के रेट काफी महंगे हो गए है। आज कल तो ट्रांसपोर्टस लाइन में ड्राइवरों की काफी कमी देखने को मिल रही है। बलवान सिंह जी का सुझाव है कि गाडियों के भाडे के रेट परक्रिलोमीटर के हिसाब से ही तय होने चाहिए।
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