चालान के रेट बहुत ज्‍यादा, कम करें सरकार : transporter-amrinder-singh

अमरिंदर सिंह जी लुधियाना के रहने वाले है। वे 20 वर्षो से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। उन्‍होंने इस लाइन में काम एक ट्रक से किया था। आज उनके पास अपने चार ट्रक है। अमरिंदर जी का कहना है कि इस लाइन में उन्‍हें काफी दिक्‍कतों का सामना करना पडा है, लेंकिन वाहेगुरु की कृपा से उन्‍होंने इस क्षेत्र में सफलता प्राप्‍त की है। अमरिंदर जी का कहना है कि अब चालान के रेट बहुत ज्‍यादा बढा दिए गए है। समझ में नहीं आता कि ये क्‍या सोचकर बढाए गए है। इससे तो करप्‍शन बढ रहा है। पुलिस वाले अब भी गाडि़यों को रोककर पैसा ले रहे है, बल्कि अब तो ज्‍यादा पैसे मांग रहे है। उनका मानना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन के आनलाइन होने से काफी दिक्‍कतों में सुधार आया है। पहले पैसे का लेन-देन बैंकों के माध्‍यम से होता था, लेकिन अब ऑनलाइन की मदद से कही भी पैसे का लेनदेन किया जा सकता है। आलाइन से बिजनेस के बढने के आसार भी बढे है। जीपीएस की सुविधा से सफर कुछ सरल हुआ है। अब ट्रांसपोर्टस को अपनी गाडियों की लोकेशन कही भी बैठे पता लग जाती है।अमरिंदर जी का  कहना है कि एक तो टोल टैक्‍स बहुत ज्‍यादा है।  रोड टैक्‍स से भी परेशान  है। उन्‍होंने कहा कि डीजल के बढते रेट ने परेशान कर रखा है। डीजल के रेट तो आए दिन बढते रहते है लेकिन भाडा नही बढता । डीजल बढता है तो भाडा तो बढना चाहिए। वेअंडर लोड को सही मानते है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में सबसे बडी दिक्‍कत टोल टैक्‍स के कारण आ रही है। टोल टैक्‍स काफी बढ गए है। अमरिंदर जी सरकार से चाहते है कि टोल टैक्‍स या रोड टैक्‍स में से एक टैक्‍स लेना चाहिए। क्‍योंकि इतनी आमदनी नहीं होती, जितना की पुलिस व  रोड टैक्‍स, टोल टैक्‍स में देने पडते है। इंश्‍योरेश की किस्‍ते भी मंहगी है, जिन्‍हें चुकाने से बचने के लिए अधिकतर गाडियों के इंश्‍योरेस भी नहीं होते। सरकार को चाहिए कि ट्रांसपोर्ट की गाडि़यों को टोल टैक्‍स में रियायत दे।

 

 

 

 

 

 

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