सरकार को ट्रांसपोर्टस के काम के ऊपर ध्‍यान  देने की आवश्‍यकता है : transporter sushil taneja

सुशील  तनेजा  जी पंजाब  में जलांधर  के रहने वाले है । इन्‍हे ट्रांसपोर्टस लाइन  में काम करते हुए 39  साल हो गए है। पहले यह ट्रांसपोर्टस लाइन  में जॉब करते थे।  धीरे धीरे इन्‍होंने कुछ पैसे जोड़कर एक गाड़ी खरीदी। फिर धीरे धीरे मेहनत करके इन्‍होंने खुद की 6 गाडियां बना ली। सुशील जी ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में गाडियों को बुक करवाने का काम करते है ओर कई कंपनियों के साथ जुडे हुए है । 23 साल ट्रांसपोर्टस लाइन में जॉब की है और 16 साल खुद ट्रांसपोर्टस  का काम किया  है। वे बताते है कि 39 साल इस लाइन में उन्‍होेंने काम किया, लेकिन पिछले दस सालों मेंं ट्रांसपोर्ट लाइन मेें जितना चेंज आया, उतना पहले कभी नहीं आया। पहले इस लाइन के हर काम में पैसा और समय लगता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आनलाइन सिस्‍टम  ने इस बिजनेस को बदल कर रख दिया हे। अब तो हर काम आनलाइन हो रहा है। ई वे बिल के आने से  ट्रांसपोर्टस  लाइन में काफी चेंज आया  है।  ई वे बिल के आने से बार्डर खत्‍म हो गए है। पहले बार्डर पर गाड़ी कई घंटों तक खड़ी रहती थी । अब तो नान स्‍टाप निकल जाती है। यह संभव हुआ है ई वे बिल के कारण। सुशील जी कहते है कि गाडियों में ओवरलोड सही नही है । गाडियों को अंडरलोड चलाने में ही फायदा  है । इनका कहना  है कि यह बिजनेस अब वर्ल्‍ड लेवल का बन गया है। ये सभी बिजनेस की रीढ है। इसके बिना कोई बिजनेस आगे नहीं बढ सकता। इसके बावजूद सरकार इस बिजनेस के लिए कुछ नहीं कर रही है। सरकार  ट्रांसपोर्टस लाइन की तरफ तो बिल्‍कुल भी ध्‍यान  नही दे रही है। इनका सुझाव है कि सरकार को ट्रांसपोर्टस के काम के ऊपर ध्‍यान  देने की आवश्‍यकता है तभी ट्रांसपोर्टस लाइन  का कुछ हो सकता  है । सरकार को इस लाइन पर टैक्‍स कम करने चाहिए।

 

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