आनलाइन सिस्‍टम ने ट्रांसपोर्ट बिजनेस को पूरी तरह बदल दिया : transporter naresh kumar

नरेश कुमार जी हरियाण के रहने वाले है। वे कई सालों से ट्रांसपोर्ट लाइन से जुड़े है। इनक कहना है कि दस सालों में ट्रांसपोर्ट लाइन में बहुत चेंज आ गया है। आनलाइन सिस्‍टम ने इस बिजनेस को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। पहले गाड़ी माल लेकर जाती थी तो चिंता लगी रहती थी कि ड्राइवर  गाड़ी तेज न चला रहा हो। गाड़ी कहां पहुंच गई है। कब तक वापस आएगी। वापसी पर माल मिलेगा या नहीं। आनलाइन सिस्‍टम ने ट्रांसपोर्टर की सारी चिंताएं दूर कर दी है। अब घर बैठे पता चल जाता है कि गाड़ी कहां पर है, गाड़ी कितनी स्‍पीड पर चल रही है, गाड़ी को माल भी आनलाइन मिल जाता हे, इसके लिए ट्रांसपोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ती, घर बैठे आनलाइन माल बुक करवा सकते हैं। भाड़ा भी सीधे अकाउंट में आ जाता है। पहले गाड़ी के कागज बनाने के लिए आरटीओ आफिस जाना पड़ता था, जहां कागज बनवाने में घंटों लग जाते थे। अब तो घर बैठे आनलाइन कागज बन जाते है। इतनी सुविधाएं मिलने से समय और पैसा दोनों बच जाता है। इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से काफी फायदा हो रहा है। ई वे बिल के आने से  ट्रांसपोर्टस लाइन  में सिस्‍टम काफी अच्‍छा हो गया है। ई वे बिल के आने से बैरियर उठ गए है अब गाडी को बार बार रोकते नही है रास्‍ते में । यदि हाथ में ई वे बिल है तो अब गाडी सीधा माल लेकर वही पहुंचती है जहां गाडी को माल पहुंचाना होता है। इनका क हना है कि गाडियों को अंडरलोड चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है। गाडी सेफ रहती है और मेनटेनेंस पर भी ज्‍यादा खर्च नहीं होता है। इनका सुझाव है कि  फैक्‍टरियों के साथ अच्‍छे सबंध रहे तो काम बढिया चलता रहेगा और किसी भी तरह की कोई दिक्‍कत नही आऐगी।

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