transporet gurmeet singh ने खुद गाड़ी चलाकर ट्रांसपोर्ट लाइन में पाई कामयाबी
गुरमीत सिंह जी पंजाब में डेराबसी के रहने वाले है। इन्होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। आज इनके पास खुद की दो गाडियां है। गुरमीत जी खुद ड्राइवरी करते है और उनका बेटा भी खुद गाडी चलाता है। इनका कहना है कि इस समय उनका ट्रांसपोर्टस का काम बढिया चल रहा है। इनका कहना है कि जब इस काम की शुरूआत की थी तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिल रहा है कि पहले हर चीज के रेट कम थे, आज के समय में हर चीज के रेट बढ गए है। गुरमीत जी को ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते हुए तीस साल हो गए है। वे कहते है कि एक ट्रांसपोर्टस वाले और जमीदार लोग देश के लिए रीढ की हडडी का काम करते है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। काम के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस के पेपर बनाने के काम में आसनी हुई है। अब ऑनलाइन ही पेपर बना सकते है। ऑनलाइन सिस्टम से काम करने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा होता है। काम असानी से और समय से हो जाता है। ई वे बिल के आने से बैरियर उठ गए है । बैरियर खत्म होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि एक तो टोल टैक्स काफी बढ गए है। आरटीओ, डीटीओ वाले बहुत परेशान करते है। पिछले बीस सालो से भाडे के रेट वही है। अब भाडे के रेट बढने चाहिए। ट्रांसपोर्टस लाइन में ड्राइवरों की कमी हो गई है ड्राइवरों की कमी के कारण भी ट्रांसपोर्टस लाइन में काम की कमी हुई है। इनका सुझाव है कि करप्शन कम करने के लिए बार्डर पर सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए।
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