इंश्‍योरेंस के थर्ड पार्टी के रेट कम होने चाहिए : transporter narender

नरेन्‍द्र जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है।  इनके पास खुद की कोई गाडी नही है यह मार्केट में से गाडियां लेकर उसे बुक करवाने का काम करते है। इनका कहना है कि इनका काम भगवान की दया से सही चल रहा है। लोकल काम के लिए इनकी खुद की दो गाडियां लगी हुई है।नरेंद्र जी कहते है कि कोई भी काम करें, उसे पूरी लगन और मेहनत से करना चाहिए। बिजनेस में उतार चढाव तो लगा रहता है। बढिया समय हर समय नहीं रहता, इसी तरह मंदा हो वो भी हमेशा के लिए नहीं होता। नरेद्र जी कहते है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में काफी चेंज आ गया है। अब तो ट्रांसपोर्ट लाइन में हर काम आनलाइन होने लगा है। पहले माल के लिए इधर उधर भटकना पड़ता था, अब आनलाइन माल मिल जाता है। माल उतारने के बाद भाड़ा भी आनलाइन खाते में आ जाता है।  गाडियों में जीपीएस के लगे होने से गाडी की लोकेशन को आसनी से देखा जा सकता है। गाड़ी किस स्‍पीड में चल रही है, ये भी पता चल जाता है। ई वे बिल के आने से भी काफी फायदा हुआ है ट्रांसपोर्टस लाइन को, ई वे बिल के ऑनलाइन होने से ई वे बिल बनवाने में अब समय की बचत हो जाती है। इनका कहना है कि पहले हर स्‍टेट में एंटरी करने के बाद बिल बनवाना पडता है। इनका मानना है कि गाडियों को अंडरलोड चलाने से से काफी फायदा होता है । गाडी की रिपेयर और मिनटेनस बनी रहती है। इनका कहना है कि हम अपनी गाडियों में उतना ही लोड डालना ही पसंद करते है जितना गाडियों में सरकार ने पास किया है। नरेंद्र जी कहते है कि इस बिजनेस मे सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि टोल टैक्‍स काफी बढ गए है। अगर सरकार रोड टैक्‍स ले रही है तो  टोल टैक्‍स खत्‍म होने चाहिए और गाडी में ओवरलोड बंद होना चाहिए। इनका सुझाव है कि इंश्‍योरेंस के थर्ड पार्टी के रेट कम होने चाहिए।

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