ट्रांसपोर्ट लाइन में अब पढे लिखे लोगों को हो रहा फायदा : transport महेन्द्र सिंह
महेन्द्र सिंह जी पंजाब में अमतृसर के रहने वाले है। इन्होंने पहले किसी की ट्रांसपोर्टस में काम किया है फिर अपना ट्रांसपोर्टस का काम शुरू कर लिया है। महेन्द्र जी कहते है कि इनका ट्रांसपोर्टस का बिजनेस अच्छा चल रहा है। जब से काम शुरू किया है तब से लेकर अब तक टोटली चेंज देखने को मिला है। ट्रांसपोर्टस लाइन में अब पढे लिखे लोगो का काम हो गया है। पहले इस लाइन में पढे लिखे लोग नही आते थे, लेकिन आज के समय में पढे लिखे लोग ही इस बिजनेस को अच्छे से चला सकते है। बिना जानकारी के यह बिजनेस नही चल सकता है इसलिए इस काम की पूरी जानकारी का होना बहुत जरूरी है। महेन्द्र जी का कहना है कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। ई वे बिल के आने से रास्ते मे आने वाली दिक्कतें दूर हो गई है। अब रास्ते में बार्डर से बैरियर के उठने से काफी समय बच जाता है। इससे चक्क्र ज्यादा लग रहे है। रास्ते में जो हर राज्य में पर्ची बनवाने में हरासमैंट होती थी, वह प्रॉब्लम सोल्व हुई है। ई वे बिल के आने से सेल टैक्स वाले अब परेशान नही कर पाते है। महेन्द्र सिंह जी गाडियों में अंडरलोड ही पंसद करते है। वे ओवरलोड के बिल्कुल खिलाफ है। महेन्द्र जी का कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस इंडस्ट्री पर पूरी तरह डिपेंड है। ट्रांसपोर्ट बिजनेस में परेशानी तभी आती है जब इंडस्ट्रीज का काम कम हो, इसलिए इंडस्ट्री में काम की बढोतरी होगी तो ट्रांसपोर्टस के काम में कमी नहीं होगी। महेन्द्र जी का कहना है कि बडी बडी कंपनियों के साथ कन्टैक्ट करने में बहुत फायदा होता है। इससे रेगुलर माल मिलता रहता है। उनके अनुसार इस बिजनेस में कंपटीशन बढना ही चाहिए। मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव से वे नाखुश है। उनका कहना है कि अब चालान के रेट काफी ज्यादा बढ गए है। सरकार को इससे कम करना चाहिए।

 
																			 
																			 
																			
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