या तो रोड टैक्‍स खत्‍म कर दें या गाडि़यों से टोल टैक्‍स न लिया जाए : amresh-tiwari

अमरेश तिवारी जी यूपी के रहने वाले है। इन्‍होंने  एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी , अब इनके पास खुद की बीस गाडियां है। अमरेश जी का कहना है कि इस  लाइन मेें सफलता के लिए उन्‍होंने काॅफी मेहनत की हे। इसका उन्‍हें फल भी मिला। अमरेश जी कहते है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में मेहनत बहुत है। जोग लोग मेहनत से नहीं घबराते, उन्‍हें इस लाइन में एक ना एक दिन सफलता जरूर मिलती हे।  इनका  कहना है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस  लाइन में काफी सुधार आया है। ई वे बिल के आने से अब गाडी को बार्डर पर बार बार रोका नही जाता है , बैरियर  हटने से काफी फायदा हो गया है। अब सेल्‍स टैक्‍स वाले भी परेशान नही करते है , अगर हाथ में ई वे बिल है तो गाडी को सीधा जाने देते है। इनका कहना है कि गाडियों को ओवरलोड चलाने से गाडी को नुकसान होता है । गाडी को तो अंडरलोड चलाना ही सही रहता है । अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी सेफ रहती है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस लाइन में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत तो यह आ रही है कि एक तो गाडी को माल नही मिलता और ट्रांसपोर्टस लाइन में अब ड्राइवर लोगो की भी बहुत कमी है। सरकार भी ट्रांसपोर्टस लाइन पर बिल्‍कुल भी ध्‍यान नही दे रही है। इस लाइन में टैक्‍स बहुत ज्‍यादा है। एक तो ट्रांसपोर्टर से रोड टैक्‍स लिया जाता है, दूसरे टोल टैक्‍स भी देना पड़ता हे। रोड टैक्‍स भी जगह जगह हो गए है। हर 50 किलोमीटर के बाद एक टोल टैक्‍स आ जाता है।सरकार को चाहिए कि या तो रोड टैक्‍स खत्‍म कर दें या गाडि़यों से टोल टैक्‍स न लिया जाए। डीजल के रेट बढने पर भाड़ा भी बढना चाहिए। उनका सुझाव है कि सरकार को ट्रांसपोर्टस  लाइन की तरफ ध्‍यान  देना चाहिए।

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