डीजल के रेट हर स्‍टेट का एक जैसा ही होने चाहिए :transporter-kulwant-singh

कुलवंत सिंह जी पंजाब में डेराबस्‍सी के पास एक गांव में रहते है। इनके पास खुद की आठ गाडियां है।  इनका कहना है कि सरकार की पुरानी नीति ही चल रही है । सरकार अपनी नीति को सुधारना ही नही चाहती है। आज भी आरटीओ और पुलिस वाले और आज कल तो टैफिक पुलिस वाले तंग करने लगे है। ऊपर से सरकार ने चलान के रेट काफी बढा दिए है। चलान के रेट सरकार ने इतने बढा दिए है कि काम करना ही मुश्‍किल हो गया है। भला इतना चलान एक गाड़ी वाले कैसे दे सकता है। इनका कहना है कि गाडी में ओवरलोड बिल्‍कुल ही गलत है। कि गाडी में ओवरलोड करने से भाडे के रेट को नुकसान होता है इनका कहना है कि जहां पर दो तीन गाडियाें का माल एक गाडी में जा रहा है गाडी वाले को ओवरलोड डालने के बाद भी कुछ नही बचता है ऊपर से आरटीओ और पुलिस वाले पकड कर अलग से जुर्माना लगा देते है। इनका कहना है कि इस बिजनेस की सबसे बडी दिक्‍कत यह है कि एक तो डीजल के रेट इतने बढ गए है  ऊपर से टोल टैक्‍स इतने मंहगे है। ट्रांसपोर्टस का काम ब्रोकर और दलाल लोग खत्‍म कर रहे है। इनका कहना है कि जीएसटी लगने के बाद तो छोटे बिजनेस मैन का काम तो ठप हो गया है। इननका कहना है कि आनलाइन सिस्‍टम से ट्रांसपोर्ट लाइन को फायदा तो हो रहा है, लेकिन इसका इस्‍तेमाल पढे लिखे लोग ही कर रहे है। अनपढ लोगों को इसकी समझ नही है। इनका सुझाव है कि इस बिजनेस को तभी फायदा हो सकता है एक तो डीजल के रेट हर स्‍टेट का एक जैसा ही होने चाहिए, हमारे ईधर डीजल का रेट कुछ ओर है और बाहर कुछ ओर है। हमारे देश की 60 प्रतिशत डीजल का खर्चा ट्रांसपोर्टस लाइन में ही प्रयोग होता है। सरकार को ट्रांसपार्ट को डीजल के रेट में रियायते देनी चाहिए।

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