ट्रांसपोर्ट को टैक्स में छूट दें सरकार : transporter-dheeraj
गाजियाबाद के धीरज जी 30 साल से ट्रांसपोर्ट लाइन में कार्य कर रहे है। उनके पिता जी ने भी इस बिजनेस की शुरूआत अपने चार पांच ट्रकों से की थी। धीरज जी के पास अपना एक ट्रक है। लंबे समय से ट्रांसपोर्ट लाइन से जुडे होने के कारण उनके पास इस लाइन का अच्छा एक्सपीरियंस है। धीरज जी का कहना है कि आनलाइन सिस्टम की वजह से इस लाइन मेें काफी हद तक चेंज हुआ है। पहले काम मिलने की बडी दिक्कत होती थी, लेंकिन अब ट्रक सुविधा डॉट कॉम से जुडने पर इस समस्या में काफी हद तक राहत मिली है। गाडियों में जीपीएस की मदद से उनकी लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। ऑनलाइन से दो नम्बर के काम भी काफी हद तक कम हुआ है। धीरज जी के हिसाब से जीएसटी लगने के बाद ज्यादा चेंज नही आया, लेंकिन ई वे बिल से बहुत फायदा हुआ है। जो लोग दो नंबर का काम करते होगो उनके लिए तो दिक्कत आई है, लेकिन हमारे लिए कोई चेंज नहीं आया।धीरज जी अंडरलोड को सही मानते है। उनका कहना है कि कुछ ड्राइवर अपने वाहनों को ओवरलोड करके सड़को पर दौडाते है, जिससे न सिर्फ गाडियों को नुकसान पहुंचता है, बल्कि सडकें भी टूटती है। धीरज जी का कहना है कि गाडी को चलाने के लिए कई तरह के टैक्स देने पडते है, जिनकी राशि बहुत अधिक है। कई बार पुलिस भी गाडियों को चैकिंग करने के नाम पर मनमर्जी का पैसा वसूलने का काम करती है। इस ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।धीरज जी का मानना है कि डीजल के रेट बढने से भाडा भी बढना ही चाहिए। उनका कहना है कि सरकार इस लाइन में टैक्स तो बढाए जा रही है, लेकिन इस लाइन की दिक्कतों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर कमाई ही नहीं होगी तो कोई भी इस बिजनेस में नहीं आएगा और पूराने लोग इस धंधे को छोड़ देंगे। इसलिए सरकार काे ट्रांसपोर्ट को टैक्स में छूट देनी चाहिए।
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