आनलाइन सुविधा से ट्रांसपोर्ट लाइन में काफी सुधार हुआ : transporter-aadi

आदि जी पिछले दो सालो से ट्रांसपोर्ट लाइन में मेहनत कर रहे है। उनका कहना है कि उन्‍होंने इस काम की शुरूआत एक ट्रक से की थी, लेंकिन अब उनके पास अपनी मेहनत व भगवान के आर्शीवाद से दो ट्रक अपने है आदि जी मोबाइल व इंटरनेट को यूज करते है। उनका कहना है कि आनलाइन सुविधा मिलने से ट्रांसपोर्ट लाइन में काफी सुधार हुआ है। कही भी बैठे अपने बिजनेस के बारे में जानकारी रख सकते है। जीपीएस की वजह से इस बिजनेस की अहम समस्‍याओं को काफी हद तक कम किया है। जीपीएस के कारण गाड़ी मालिक दूर होते होते भी गाड़ी के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकता है। गाड़ी कहां पर है, किस स्‍पीड पर चल रही है, ये सब घर बैठे पता कर सकता है। जीपीएस ट्रांसपोर्टर के लिए चौकीदार से कम नहीं है। आदि जी का कहना है कि मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में चालान की रकम बहुत ज्‍यादा बढा दी गई है, सरकार को चालान बढाने से पहले सोचना चाहिए था कि गरीब व मिडिल क्‍लास पर इसका क्‍या असर पड़ेगा। उनका कहना है कि सरकार को चालान कम करने चाहिए। आदि जी का कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत तो  टोल टैक्‍स के बढने तथा गाडी के लिए ड्राइवर न मिलने से  होती है।  हाइवे पर जगह जगह जगह टोल टैक्‍स बने हुए है। जिसकी वजह से ट्रांसपोर्टस को काफी नुकसान पहुंच रहा है।आदि जी का कहना है कि जब गाडी सहारनपुर से दिल्‍ली जाती है तो इस सफर में पुलिस उन्‍हें ज्‍यादा तंग करती है। उनका कहना है  कि यदि हम पुलिस वालो  को पैसे दे देते है तो वह गाडी को आगे जाने देते है और यदि हम पुलिस वालो को पैसे नही देते तो गाडी वही पर खडी कर देते हैै, जबकि एैसा नहीं होना चाहिए।

 

 

 

 

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