गाड़ी को माल चाहिए तो आनलाइन मिल जाता है : transporter-sukhdev singh
सुखदेव सिंह जी मोहाली के रहने वाले है। इन्होंने दो गाडियों के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी आज इनके पास खुद की तीन गाडियां है। इनका कहना है कि पहले इस लाइन में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। लेकिन अब तो जमाना ही बदल गया है। अब हर काम आनालाइन हो रहा है। आजत ट्रांसपोर्ट लाइन भी पूरी तरह आनलाइन हो गई है। हर काम आनलाइन होने लगा है। गाड़ी के कागज आनलाइन बन रहे है। गाड़ी को माल चाहिए तो आनलाइन माल मिल जाता है। पहले माल के लिए ट्रांसपोर्ट और ब्रोकर पर ही डिपेंड थे। अब अगर ब्रोकर अच्छे रेट नहीं दे रहा तो अनलाइन माल ले सकते है। अब गाडि़यों में जीपीएस लग रहा है। गाडी में जीपीएस का काफी फायदा है । गाडी में जीपीएस के लगे होने से गाडी की लोकेशन का पता रहता है कि गाडी कहां पर खडी है। हम अपनी गाडी को कही पर भी देख सकते है कि गाडी कहां पर है किस स्पीड से चल रही है और कितनी रफतार से चल रही है। ई वे बिल का भी बहुत फायदा है। ई वे बिल के आने से यह फायदा है कि अब गाडियों को बार्डर पर बार बार रूकना नही पडता है। अब गाडी समय से माल पहुंचा के आ जाती है। इनका कहना है कि गाडियों में ओवरलोड होने से गाडी को ही नुकसान होता है। डी को अंडर लोड ही चलाना चाहिए। उनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे ज्यादा दिक्कत यह आ रही है कि इस समय काम काफी मंदा है । गाडी को माल नही मिल रहा है । इनका सुझाव है कि इंडस्ट्री को बढावा देना चाहिए क्योंकि जितना अधिक इंडस्ट्री चलेगी, उतना ही माल मार्किट में आएगा। जब तक इंडस्ट्री ग्राेथ नहीं करेगी, तब तक ट्रांसपाेर्ट लाइन को दिक्कत रहेगी।
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