ओवरलोड होने पर व्यापारी के खिलाफ भी जुर्माना होना चाहिए : संदीप शर्मा
संदीप शर्मा जी डेराबस्सी के रहने वाले हैै। पहले इनके पास अपने ट्रक थे, लेकिन अब उन्होंने ट्रक बेंच दिए है। उनका कहना है कि इस लाइन में वो लोग ही है सक्सेज है जिनके पास पूंजी है। या फिर वो लोग जिन्हें पक्का काम मिल जाए। मार्किट का काम कभी कम कभी ज्यादा होता रहता है। अगर काम कम है तो एक दो ट्रक वालों को दिक्कत हो जाती है, लेकिन जिनके पास पूंजी है या कई ट्रक है, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। संदीप जी कहते है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में अब पढे लिखे लोग आने लगे है। इससे इस बिजनेस को फायदा होगा। उनका मानना है कि ट्रांसपोर्टस की आल इंडिया लेवल पर यूनियन होनी चाहिए जो ट्रांसपोर्टस की दिक्कतों को दूर करने के लिए आगे आए और ट्रांसपोर्टस की आवाज बनें। वे कहते है कि मजबूत यूनियन न होने की वजह से यह बिजनेस डाउन जा रहा है। वे कहते है कि डाजल का रेट हर महीने बढ जाता है, लेकिन भाड़ा नहीं बढ पाता। अगर यूनियन मजबूत हो तो डीजल के रेट बढने पर भाड़ा भी बढ़े। ट्रांसपोर्ट बिजनेस इकलौता ऐसा बिजनेस है जिसमें एक तरह का टैक्स दो बार लिया जाता है। ट्रांसपोर्टस रोड टैक्स भी देते है और उन्हें टोल टैक्स भी देना पड़ता है। हर 20-30किलोमीटर पर टोल आ जाता है। जब ट्रांसपोर्टस से रोड टैक्स लिया जाता है तो टोल टैक्स लेना गलत है। वे कहते है कि अगर यूनियन मजबूत हो तो इस मुद़दे को उठा सकती है। इनका कहना है कि गाडियों में ओवरलोड गलत है। गाड़ी में ओवरलोड डालने से ट्रांसपोर्टस को ही नुकसान हाेता है। ओवरलोड से दोगाड़ी का माल एक गाड़ी में डाला जाता है, जिसका नुकसान ट्रांसपोर्टस् को ही है। उनका सुझाव है कि सरकार ऐसा नियम बनाए कि गाड़ी में ओवरलोड होने पर उस व्यापारी के खिलाफ भी जुर्माना होना चाहिए, जिसका माल गाड़ी में लदा है। ऐसा होने पर ओवरलोड पूरी तरह बंद हो जाएगा।
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