नई पीढी के आने से ट्रांसपोर्ट का काम अच्‍छा चलेगा: transporter-prakash-singh

प्रकाश सिंह जी डेराबस्‍सी के रहने वाले है।  इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस बिजनेस की शुरूआत की थी । आज इनके पास खुद की 10 गाडियां है इनका कहना है कि यह इस बिजनेस में अपनी कडी मेहनत और लगन से सफल हुए।वे कहत है कि इस लाइन में मेहनत जरूर है, लेकिन कमाई भी है। जो इसे बिजनेस में आने की सोच रहे है, उन्‍हें इस लाइन के बारे में पूरा पता होना चाहिए। गाड़ी में ड्रांइवर सोच समझ कर रखना चाहिए। अगर ड्राइवर अच्‍छा मिल गया तो इस लाइन मे सक्‍सेज हो जाएंगे। उनका कहना है कि हर बिजनेस में कम ज्‍यादा तो लगा रहता है। इसलिए जब काम डाउन हो तो हिम्‍मत नहीं हारनी चाहिए। जब बुरा वक्‍त आता है तो कभी ना कभी अच्‍छा समय भी आएगा। प्रकाश सिंह जी कहते है कि आज ट्रांसपोर्टस बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है । ऑनलाइन सिस्‍टम से इस लाइन को फायदा हो रहा हे। ई वे बिल का ट्रांसपोर्टस लाइन को फायदा हुआ है। इनका कहना है कि पहले गाडी चार से पांच दिन तक बार्डर पर खडी रहती थी अब यह समस्‍या ई वे बिल के आने से समाप्‍त हो गई है ई वे बिल के आने से ड्राइवरों का समय बच रहा है अब गाडी को बार्डर पर पेपर चैक करवाने के लिए काफी समय तक खडा नही रखना पडता है । बढिया हो गया है ई वे बिल के आने से काम और सारा काम एक नंबर का हो गया है। इनके हिसाब से गाडी को ओवरलोड चलाना बिल्‍कुल गलत है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह है कि काम काफी कम हुआ है भाडे के रेट नही मिल रहे है। इनका कहना है कि नई पीढी नई तकनीको को अच्‍छी तरह से जानती है तकनीकी नॉलेज होने से काम बढिया चलेगा ट्रांसपोर्टस का नई पीढी के आने से।  जब काम शुरू किया था तब काम बढिया चल रहा था लेकिन अब इस काम मे मंदी आ गई है।

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