अंडरलोड से गाड़़ी की लाइफ बढती है और ड्राइव की लाइफ सेफ रहती है : ransporter-jagjivan

जगजीवन जी पिछले 11 सालों से टांसपोर्ट लाइन में है। लंबे समय से जुडे होने के कारण जगजीवन जी को इस लाइन का अच्‍छा अनुभव है।  जगजीवन जी का कहना है कि  उन्‍होंने इस बिजनेस  की शुरूआत एक टक से की थी,आज इनके पास तीन ट्रक है। वे कहते है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में मेहनत करने के साथ साथ सब्र रखने वालों को सफलता जरूर मिलती हे। जगजीवन  जी का कहना है कि टांसपोर्ट लाइन से लगातार जुडे रहने के लिए वह मोबाइल फोन का इस्‍तेमाल करते है। वह टांसपोर्ट लाइन में आनलाइन माल की सुविधा लेना चाहते है, क्‍योंकि आनलाइन सुविधा के चलते इस बिजनेस की काफी दिक्‍कतों का हल हुआ है। कई ऐसी  समस्‍याए खत्‍म हुई है, जोकि टांसपोर्ट लाइन में बहुत बड़ी थी। खासकर पैसे को लेकर टांसपोर्टस काफी परेशान थे, क्‍योंकि पहले चैक द्वारा पैमेंट की जाती थी, लेंकिन अब आनलाइन खाते में पैसा आ जाता है। इससे  बैंकों में जाकर लंबी लाइनों की समस्‍या ही खत्‍म हो गई है।उन्‍होंने कहा कि अंडरलोड बिलकुल सही है, क्‍योंकि इससे एक्‍सीडेंट कम होते है। अंडरलोड से गाड़़ी की लाइफ बढती है और ड्राइव की लाइफ सेफ रहती हे। जगजीवन जी का मानना है कि इस बिजनेस में भाडा बढाया जाना चाहिए, क्‍योंकि यदि सिर्फ डीजल के रेट बढाए जाते है  तो सिर्फ डीजल कम्‍पनी को ही फायदा होता है, लेकिन टांसपोर्टस को घाटा ही पहुंचता है।  भाड़ा न बढने की वजह से गाडी व ड्राइवर के मेंटिनैस का सारा खर्च टांसपोर्टस को अपनी जेब से देना पडता है। उन्‍होंने कहा कि टोल टैक्‍स साल में एक ही बार लेना चााहिए। डीजल का रेट एक ही रहना चाहिए।  जगजीवन जी का मानना है कि  गाडियों के इंश्‍योरेंस बहुत महंगे है। मंहगे इंश्‍योरेंस की भारी भरकम राशि को देने में असमर्थ टांसपोर्टस अपनी गाडियों का इंश्‍योरेंस करवाने में गुरेज करते है।  यदि गाडियों के इंश्‍योरेंस की राशि में कमी लाई जाए तो गाडी के इंश्‍योरेंस की संख्‍या भी बढेगी।

 

 

 

 

 

 

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