60 किलोमीटर के बाद टोल टैक्‍स लगना चाहिए: transporter-harpreet-singh

हरप्रीत सिंह जी पंजाब के बठिंडा के रहने वाले है। इनका कहना है कि इस काम में मेहनत बहुत है। अगर माल मिलता रहे तो कमाई भी अच्‍छी है। अगर ड्राइवर बढिया है तो इस लाइनन मेें सक्‍सेज होने के चांस ज्‍यादा है। उन्‍होने बताया कि जब इस बिजनेस की शुरूआत की थी तब तो काम बढिया था  पहले गाडी के खर्चे कम थे लेकिन आज गाडियों के खर्चे इतने बढ गए है कि बचत कम हो गई है। पहले एक गाडी का खर्चा साल का 20000 रूपए  आता था लेकिन आज के समय एक गाडी का खर्चा डेढ लाख रूपए आता है। उनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्टस लाइन आनलाइन हो गई है। ऑनलाइन सिस्‍टम वैसे तो बढिया है अगर भाडे के रेट सही मिले तो ऑनलाइन सिस्‍टम से माल लेना बढिया है। उनका कहना है कि ई वे बिल का ट्रांसपोर्टस से ज्‍यादा व्‍यापारी को फायदा है। इससे ट्रांसपोर्टर्स को फायदा यह है कि ई वे बिल से बार्डर से बैरियर हट गए है। इससे गाड़ी बिना रुके बार्डर पार हो जाती है। इनका कहना है कि ओवरलोड गाडी को तो जुर्माना लगता है , लेकिन हम अपनी गाडी अंडर लोड भी चलाते है तो भी फाइन लगता है। वे बताते है कि  इंश्‍योरेंस के मंहगे होने से और ड्राइवर लोगो की तनखाह कम होने से भी इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत आ रही है । कोई भी ड्राइवर कम तनखाह पर काम करना पंसद नही करता है। इनका  सुझाव  है कि पंजाब में डीजल के रेट आए दिन बढते रहते है। डीजल के रेट फिक्‍स होने चाहिए भाडे के रेट बढने चाहिए। कम से कम 60 किलोमीटर के बाद टोल टैक्‍स लगना चाहिए। इनका  कहना है  कि ड्राइवर के बिना यह काम नही हो सकता इस लिए ड्राइवरों की सेलरी भी बढनी चाहिए।

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