ओवरलोड राेकने के लिए रूल बनाए सरकार: transporter-ashok
अशोक कुमार जी चण्डीगढ के रहने वाले है। इन्होंने ट्रांसपोर्टस बिजनेस की शुरूआत दो गाडियों से की थी और आठ गाडि़यां बना ली थी। अब अशोक जी ट्रांसपोर्टस लाइन में गाडी की सेल व परचेज का काम करते है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन मे कमाई तो है। अब पढे लिखे लोग इस लाइन में आने लगे है। अब माल आनलाइन मिल रहा है। गाड़ी के कागज भी आनलाइन बन जाते है। भाड़ा भी आनलाइन खाते में आ जाता है। इससे काम आसान हो गया है। मार्केट मेें माल मिलता रहे तो यह बिजनेस बहुत अच्छा हे। वे कहते है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। अगर ऑनलाइन माल बढिया मिलेगा तो फिर फायदा होगा, यह सब माल पर डिपेंड करता है। उनका कहना है कि गाडी में जीपीएस का काफी फायदा है। जीपीएस लगने से गाडी का पता रहता है कि गाडी कहां पर पहुंच गई है गाडी की लोकेशन का पता रहता है। इनके हिसाब से ई वे बिल के आने से नुकसान है छोटी कंपनियों का काम ठप हो गया है। वे ओवरलोड गाडी चलाने को सही नही मानते है । इनके हिसाब से गाडी को अंडरलोड चलाना सही है। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है अशोक जी कहते है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि भाडे के रेट कम मिल रहे है ऊपर से गाडियों के टैक्स इतने बढा दिए है , इंश्योरेंस के रेट मंहगे कर दिए है सरकार ने जो सबसे बडी दिक्कत का कारण बने हुए है। इनका सुझाव है कि जिस प्रकार से सरकार ने ई वे बिल शुरू किया है कि कोई भी माल से टैक्स चोरी नही कर सकता है उसी तरह से ओवरलोड के लिए भी इस तरह का कोई रूल बनना चाहिए।
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