ओवरलोड को बिल्‍कुल ही खत्‍म कर देना चाहिए : transporter-anil-kumar

अनिल कुमार जी बठिंडा के रहने वाले है। इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी आज इनके पास खुद की दो गाडियां है। इनका कहना है कि यह एक गाडी खुद चलाते थे और दूसरी गाडी के लिए ड्राइवर रखा हुआ है। उनका कहना है कि इस लाइन में मेहनत करने पर ही सफलता मिलती है। कभी काम अप होता है तो कभी डाउन हो जाता है। जब काम डाउन हो तो घबराना नहीं चाहिए। उन्‍होने कहा कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से इस लाइन को फायदा हो रहा है। अब सारे काम ही आनलाइन होने लगे है। इससे समय और पैसा बच जाता है। उनका कहना है कि ई वे बिल से समय की बचत होती है । इससे गाडी को बार्डर पर बार बार रूकना नही पडता है। गाड़ी जल्‍दी माल छोड़कर आ जाती है। जीपीएस से भी काम आसान हो गया है। अब गाड़ी के बारे में घर बैठे ही पता कर सकते है कि गाड़ी कहां पर है और किस स्‍पीड से चल रही है। अनिल जी का मानना है कि गाडी में ओवरलोड नही होना चाहिए। गाडी को अंडरलोड ही चलाना चाहिए। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी की मेनटेनेंस बनी रहती है। गाडी भी सेफ रहती है और गाडी में डला हुआ माल भी सेफ रहता है । उन्‍होंने कहा कि इस बिजनेस मे सबसे  बडी दिक्‍कत यह  आ रही  है कि टैक्‍सबहुत बढ गए है। गाडी की इंश्‍योरेंस इतनी बढ गई है भाडे के रेट पूरे नही मिलते है। इनका सुझाव है कि सरकार को गाडियों में ओवरलोड को बिल्‍कुल ही खत्‍म कर देना चाहिए और भाडे के रेट बढान ेचाहिए । टोल टैक्‍स और इंश्‍योरेस के रेट कम करने चाहिए तभी ट्रांसपोर्टस बिजनेस का काम बढिया तरीके से चल सकता है।

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