इंडस्टी का काम बढना चाहिए : transporter-sanjeev
संजीव जी पंजाब के मोहाली के रहने वाले है। इनके पिता जी 1975 से ट्रांसपोर्टस लाइन में काम कर रहे है । इनके पास अब खुद की तीन गाडियां है। संजीव जी को ट्रांसपोर्टस लाइन का लंबा अनुभव है। संजीव जी कहते है कि पहले इस लाइन में कम लोग ही आते थे। इस काम को अच्छा नहीं समझा जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पढे लिखे लाेग इस धंधे में आ गए है। अब इंडस्ट्री पहले से ज्यादा हो गई है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन अब आनलाइन हो गई है। इससे बहुत चेंज आ गया है। अब काम का तरीका भी बदल गया है। वे कहते है कि आज ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से माल तो मिल जाता है लेकिन भाडे के रेट कम होते है। ऑनलाइन सिस्टम से तो बडे ट्रांसपोर्टस को फायदा है छोटे मोटे ट्रांसपोर्टर को कोई फायदा नही है । इनका कहना है कि जीपीएस का तो काफी फायदा है। जीपीएस का यह फायदा है ट्रांसपोर्टस को कि गाडी का पता रहता है कि गाडी कहा पर खडी है गाडी की लोकेशन का पता रहता है ड्राइवर लोग झूठ नही बोल पाते है और ड्राइवर लोग गाडी को ईधर उधर झूठ बोलकर नही लेकर जा सकते है। इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से बार्डर पर अब टाईम वेस्ट नही होता गाडी जल्दी माल लेकर पहुंच जाती है जिससे सयम की बचत हुई है। संजीव जी गाडी को अंडर लोड चलाते है । उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने गाडी की रिपेयर पर कम खर्चा आता है और अंडरलोड गाडी चलाना सैफ भी है जिससे जान जाने का खतरा कम रहता है। इस बिजनेस में सबसे ज्यादा दिक्कत इस चीज को लेकर आ रही है एक तो टैक्स और इंश्योरेंस के रेट इतने बढ गए है और कोई सबसीडी नही है। इनका कहना है कि इंडस्टी के बंद होने से ट्रांसपोर्टस का काम मंदा चल रहा है। काम को बढाने के लिए इंडस्टी का काम बढना चाहिए यदि इंडस्टी का काम बढेगा तो ट्रांसपोर्टस को काफी फायदा होगा ।
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