गाडि़यों की संख्‍या बढने पर काम कम हुआ : transporter-manu

मनु जी पंजाब में  राजपुरा के रहने वाले  है  इनका कहना है कि एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस बिजनेस के काम की शुरूआत की थी अब इनके पास खुद की नौ गाडियां है। इनका  कहना है कि  यह इस बिजनेस में खुद मेहनत  करके  सफल हुए  है। इनका  कहना है कि जब काम  शुरू किया था  तब से लेकर  अब तक  यह  देखने को मिला  है  कि  पहले  काम बढिया चल रहा था अब काम मे मंदी  आ गई है। अब काम पहले से कम हुआ है। अब काम उतना नही रहा जितना पहले  था। अब इस काम में कंपटीशन बढ गया है। अब मंहगाई भी बढ गई है। डीजल के रेट काफी बढ गए है। कंपटीशन काफी बढ गया है। इनका कहना है कि अब मार्केट में गाडियां काफी बढ गई है। सरकार हर  किसी को डाउन पेमेंट पर गाडी निकाल के दे रही है जिससे हर कोई नई गाडी लेकर कर ट्रांसपोर्टस का काम खोल रहा है। ज्‍यादा गाडियों की वजह से काम कम हो गया है। ऑनलाइन  सिस्‍टम से ट्रांसपोर्टस का काम बढ रहा है लेकिन एक दिक्‍कत यह है कि ऑनलाइन वालेे यूनियन बना के काम नही करते है अगर ऑनलाइन वाले यूनियन बनाकर काम करे तो इससे ट्रांसपोर्टस को काफी फायदा होगा और ट्रांसपोर्टस का बिजनेस बढिया चलेगा। इनका कहना  है कि ई वे बिल का फायदा हो रहा है ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में एक तो बार्डर पर गाडी को बार बार रूकना नही पडता दूसरा समय बच जाता है। तीसरा ई वे बिल के कारण टैफिक भी नही  होती टैफिक में कमी आई है। ओवरलोड गाडी मे नही होना चाहिए ओवरलोड से गाडी को नुकसान होता है गाडी की रिपेयर पर खर्चा आता है। अंडरलोड सही है गाडियों के लिए अंडरलोड गाडी चलाने से भाडे के रेट सही नही मिलते भाडे के रेट न मिलने के कारण गाडी में ओवरलोड करना पडता है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि गाडियों की संख्‍या काफी बढ गई है मार्केट में बढती संख्‍या  के कारण मार्केट में काम कम हो गया है जो कि ट्रांसपोर्टस की परेशानी का कारणा बन रही है। इनका सुझाव है कि बैंक वाले लोन देना बंद कर दे ज्‍यादातर लोग किश्‍तो पर गाडी लेकर ट्रांसपोर्ट्रस के भाडे के रेट गिरा देते है क्‍योंकि उन्‍होंने किश्‍तों पर गाडी ली होती है , गाडी की किश्‍ते भरने के चक्‍कर में कम रेट पर गाडी में माल लोड कर लेते है जिससे कि मार्केट का रेट खराब हो जाता है ।

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