रोड टैक्‍स और टोल टैक्‍स एक ही बात है, ट्रांसपोर्टर्स से टोल टेक्‍स नहीं लेना चाहिए : transporter-kuldeep-singh

कुलदीप सिंह जी पंजाब में जिरकपूर के रहने वाले है।  एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी। उनका कहना है कि आज ट्रांसपोर्टस के बिजनेस का ऑनलाइन होने से फायदा है कि आज ऑनलाइन गाडी में डीजल डलवा सकते है।  ऑनलाइन किसी को भी पेमेट दे व ले सकते है इस  चीज से बहुत ही फायदा हुआ है। गाडियों में जीपीएस का काफी फायदा हुआ है गाडी में जीपीएस के लगने से गाडी की लोकेशन का पता रहता है कि गाडी कहा पर खडी है और माल कहा पर पहुंच चुका है। इनका कहना है कि  ई वे बिल का फायदा है कि रास्‍ते में  सेल  टैक्‍स  नंबर की चैकिंग नही होती अब रास्‍ते में ड्राइवर को बार बार  गाडी चैक करवाने के लिए परेशान नही किया जाता है। कुलदीप सिंह जी अंडरलोड गाडी चलाने को सही मानते है। इनका कहना है कि अंडर लोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है गाडी सेफ रहती हैै और जान तथा माल का खतरा भी कम ही रहता है। वे कहते है कि इस बिजनेस की सबसे बडी दिक्‍कत यह है कि गाडी को माल भाडा नही मिलता है , अगर माल भाडा मिल  भी जाए तो भाडे के रेट पूर नही मिलते है। इनका कहना है कि आजकल इस  बिजनेस  में मंदी आ गई है।  आज डीजल के रेट भी काफी बढ गए है। इनका सुझाव है कि मार्केट में माल के ऑडर नही मिल रहे है यदि माल के ऑडर नही मिले तो इस काम में फायदा होगा। ट्रांसपोर्ट लाइन मे खर्चे बढ गए है। गाड़ी वाले रोड टैक्‍स तो देते ही थे, उनसे टोल टेक्‍स भी लिया जाने लगा। रोड टैक्‍स और टोल टैक्‍स एक ही बात है। ट्रांसपोर्टर्स से टोल टेक्‍स नहीं लेना चाहिए। सरकार को चाहिए कि ट्रांसपोर्टस से टोल टेक्‍स खत्‍म करें।

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