transporter-tarun-kumar ने 29 साल में बनाए सात ट्रक
तरूण कुमार जी डेराबस्सी के रहने वाले है। इनकी उम्र 29 साल की है इनका कहना है कि इन्होंने एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी अब इनके पास खुद के 7 ट्रक है। इनका कहना है कि इन्होंने बडी मेहनत व लगन से सात ट्रक तैयार किए। इनका कहना है कि सबसे पहले इन्होंने एक ट्रक लिया फिर धीरे धीरे करके इन्होंने एक एक करके खुद से सात गाडियां तैयार की। इनका कहना है कि इस बिजनेस में कहा सक्सेज हुए पहले इस काम में सफल थे इनका कहना है कि पहले पंजाब में ट्रक यूनियन के जरिए काम चल रहा था अब ट्रक यूनियन रही नही काम समाप्त हो गया है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस के ऑनलाइन होने से इस सिस्टम में कोई खास फायदा नही हो रहा है। जो बडे बडे ट्रांसपोर्टस है उनको फायदा है ट्रांसपोर्टस बिजनेस में लेकिन छोटे ट्रांसपोर्टस को कोई फायदा नही हो रहा है। इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस में कुछ हद तक तो फायदा है जैसे गाडी को बार्डर पर रोका नही जाता बार बार गाडी समय पर पहुंच जाती है कुछ कंडीशनस में गाडी वालो और ड्राइवर पर कंडीशनस रखी हुई है। इनका कहना है कि गाडियों में ओवरलोड होने से गाडी को ही नुकसान होता है और ड्राइवर की जान का खतरा बना रहता है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि छोटे ट्रांसपोर्टस को माल नही मिल पाता है गाडी के लिए बडे बडे ट्रांसपोर्टस को असानी से मिल जाता है माल, कंपनी के रेट सही होते है भाडे के लेकिन दलाल लोग बीच में से पैसा खा जाते है जिससे पूरा फायदा नही मिल पाता । ट्रक मालिक को इस चीज को लेकर परेशानी का सामना करना पडता है। इनका कहना है कि पहले ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में फायदा नही रहा काम खत्म होते जा रहा धीरे धीरे बचत रही इनका सुझाव है कि किलोमीटर के हिसाब से भाड़ा मिलना चाहिए।
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