गाडी के स्पे यर पार्टस के रेट कम होने चाहिए।:transporter-ramesh-kumar-narula
रमेश कुमार नरूला जी खिजराबाद के रहने वाले है इनका कहना है कि हमाने बाप दादा जी भी ट्रांसपोर्टस लाइन से जुडे हुए थे इनका कहना है कि इन्होंने अपने पिता जी से काम सीखा इनका कहना है कि इनके पास 7 ट्रक है अपने पहले और भी गाडियां थी लेकिन अब हमने बेच दी है। इनका कहना है कि जब काम की शुरूआत की थी तब काम बढिया चलता था लेकिन अब बयह काम काफी मंदा हो गया है। इनका कहना है कि पहले काम बढिया चलता था। इनका कहना है कि आज ट्रांसपोर्ट बिजनेस ऑनलाइन हो गया है इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन मे यह फायदा हुआ है कि अब गाडी को बार्डर पर ज्याादा समय के लिए रूकना नही पडता है गाडी समय पर पहुंच जाती है। इनका कहना है कि गाडी में ओवरलोड नही होना चाहिए गाडी में ओवरलोड डालने से गाडी को नुकसान होता है। गाडी को अंडरलोड चलाना सही है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्क त यह आ रही है कि दलाली बहुत है इस काम में भाडे के रेट नही मिलते है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस में नई पीढी के आने से कुछ खास फर्क नही आया है। इनका सुझाव है कि भाडे के रेट सही होने चाहिए ट्रोल टैक्स , रोड टैक्सन कम होने चाहिए। भाडे के रेट सही मिलने चाहिए और गाडी के स्पे यर पार्टस के रेट कम होने चाहिए।
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