इंश्‍योरेंस के रेट काफी बढ गए है : transporter-gurveer-singh

गुरवीर सिंह जी डेरा बंसी के रहने वाले है। इनका कहना है कि इन्‍होंने एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी अब  इनके पास खुद की दो गाडियां है। इनका कहना है कि यह इस बिजनेस में ट्रक यूनियन के साथ जुडकर कामजाब हुए। इनका कहना है कि इस लाइन में मेहनत करने पर भी कामयाबी मिलती है।पहले इस लाइन में पढे लिखे लोग नहीं आते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब तो पढे लिखे और पैसे वाले लोग भी इस लाइन मे है। उनका कहना है कि अगर माल मिलता रहे तो इस लाइन मे कमाई अच्‍छी है। वे कहते हैकि इस लाइन में करप्‍शन बहुत ज्‍यादा है। रास्‍ते में पुलिस वाले बहुत परेशान करते है। इनका कहना  है कि जब से काम की शुरूआत की है तब से लकर अब तक भाड़ा उतना नहीं बढा, जितना खर्चे बढ गए है।। इनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्टस के बिजनेस का ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में चेंज आया है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस में ई वे बिल के आने से इस लाइन में फर्क  पडा है। अब बार्डर से बैरियर खत्‍म हो गए है। इससे समय बच रहा है और गाड़ी जल्‍दी माल छोड़कर आ जाती है। इनका कहना है कि गाडियों में ओवरलोड नही होना चाहिए। गाडी के ओवरलोड होने से कुछ फायदा नही होता है उल्‍टा गाडी को ही नुकसान होता है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि एक तो ट्रोल टैक्‍स काफी बढ गए है। इनका कहना है कि भाडे के रेट नही मिल पाते है। इनका कहना है कि इंश्‍योरेंस के रेट काफी बढ गए है। इनका कहना है कि सरकार को ट्रांसपोर्ट लाइन से टैक्‍स कम करने चाहिए। रोड टैक्‍स या टोल टैक्‍स में से एक ही लेना चाहिए।

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