ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस को काफी फायदा हुआ है : transporter-amreek-singh
अमरीक सिंह रोपड़ के रहने वाले है। वे पिछले दस सालों से ट्रांसपोर्ट लाइन में हैं। इन्होंने इस बिजनेस में काफी उतार चढाव देखे है। इन्होंने दो ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी। अब इनके पास खुद की नौ गाडियां है। उनका कहना है कि जब से काम की शुरूआत की है तब से यह चेंज देखने को मिला है कि अब काम मंदा हो गया है। इनका मानना है कि ऑनलाइन सिस्टम ट्रांसपोर्टस लाइन के लिए फायदेमंद है। इससे काम काफी आसान हो गया है और समय और पैसे दोनों की बचत हो जाती है। ई वे बिल के आने से भी ट्रांसपोर्टस को काफी फायदा हुआ है। इनका मानना है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस को लेकर सरकार की पालिसी सही नहीं है। इस लाइन में टैक्स बहुत बढ गए है। रोड टैक्स के साथ साथ टोल टैक्स भी देना पडता है, जबकि सरकार रोड टैक्स ले रही है तो टोल टैक्स की क्या जरूरत है। यह सरासर गलत हे। ट्रक माल लेकर हजारों किलोमीटर दूर जाते है। ऐसे में रास्ते में कई टोल टैक्स पडते है। इस लाइन में टैक्स के अलावा भी और बहुत खर्चें है। इंश्योरेंस कितनी अधिक बढ चुकी है। इसके अलावा डीजल के रेट भी आए दिन बढ जाते है।गाडी के टायर और अन्य पार्टस भी काफी महंगे है। इन सबके कारण ट्रांसपोर्ट लाइन की कमाई पहले से काफी कम हो गई है। रास्ते में पुलिस और आरटीओ वाले तंग करते है। अंडरलोड गाडी होने के वावजूद भी आरटीओ वाले गाडी रोक लेते है। महाराष्ट्र में बार्डर पर आरटीओ वाले और पुलिस वाले तंग करते है। इनका मानना है कि ओवरलोड नही होना चाहिए। लेकिन साथ ही आरटीओ द्वारा बेवजह और अंडरलोड होने पर तंग नहीं करना चाहिए । इनका सुझाव है कि सरकार सरकारी कर्मचारियों द्वारा ट्रक ड्राइवरों से होने वाला करप्शन रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
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