अब ड्राइवर पढे लिखे है ट्रांसपोर्ट लाइन में : transporter-amit-kumar
अनिल कुमार जी ने एक ट्रक के साथ काम की शुरूआत की थी। अब इनके पास खुद के 12 ट्रक है। इनका कहना है कि यह इस बिजनेस में अपनी मेहनत व लगन से कामजाब हुए इनका कहना है कि एक ट्रक के साथ काम शुरू किया धीरे धीरे मेहनत की और पैसे जोडकर एक गाडी से दो गाडियां की फिर धीरे धीरे गाडियां और खरीदनी शुरू कर दी अब इन्होंने धीरे धीरे करके एक गाडी से 12 गाडियां तैयार कर ली है। इनका कहना है कि जब काम की शुरूआत की थी तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है अब ऑनलाइन काम होने से काम बढिया हो गया है। इनका कहना है कि ऑनलाइन बिजनेस होने से ट्रांसपोर्ट लाइन में कुछ खास चेंज नही आया है ऑनलाइन में ट्रक की लोडिंग के लिए पैसा लेते है और ऑफ लाइन ट्रक बुक करने के पैसे लेते है। इनका कहना है कि ई वे बिल का असली फायदा तो व्यपारी लोगो को हाेता है। ई वे बिल से गाड़ी जल्दी वापस आ जाती हे। इनका कहना है कि गाडियों में ओवरलोड नही चाहिए क्योंकि ओवरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान होता है। इनका कहना है कि एक ही गाडी में ओवलोड डालकर ले जाते है ड्राइवर लोग और भाडा उतना ही मिलता है इससे तीन से चार गाडिया वैसे ही खडी रहती है। जिससे गाडी वाले को नुकसान होता है और ओवरलोड वाले का भी कुछ फायदा नही होता है। अंडरलोड सही है। इनका कहना है कि इस बिजनेस मे सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि एक तो पुलिस वाले और आरटीओ वाले बहुत तंग करते है। इनका कहना है कि नई पीढी के आने से यह चेंज आया है कि ड्राइवर पढे लिखे है अब वह अपने तरीके से काम करना पसंद करते है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में पारदर्शिता होनी चाहिए। दलाल लोग असली पैसा खा जाते है कुछ इस तरह का सिस्टम होना चाहिए जो बरोकर और दलाल पैसा खाते है उनके लिए कोई लाइसेंस होना चाहिए ताकि बीच में से पैसा न खा सके और सारा पैसा ट्रक के मालिक को बच सके।
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