सरकार को टैक्स कम करने के बारे में सोचना चाहिए :transporter-rajender-chaudhary
राजेन्द्रा चौधरी 12 साल से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। वे जोधपुर के रहने वाले है। इनकी उम्र 35 साल की है। इनके पास अपने चार ट्रक है। आज के डिजिटल युग में मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट का प्रयोग करते है। वे ऐसी आनलाइन कंपनी के साथ जुड़ना चाहते है जिससे उन्हें आनलाइन माल मिल सके। राजेंद्र जी का कहना है कि जीएसटी लगने के बाद चेंज यह आया है कि गाडियों में जीपीएस लगने से गाडियों का पता चला जाता है कि गाडी कहां पर खडी है या कहां पहुंच गई है। ड्राइवर गाडी को किस स्पीड से चलाता है यह सब आसानी से जीपीएस की मदद से असानी से देख सकता है। राजेन्द्रा जी ने बताया कि पिछले पांच सालों में ट्रांसपोर्टस लाइन में यह चेंज देखने को मिला है कि गाडी के इंश्योरेंस काफी बढ गए है। रोड टैक्स और टोल टैक्स भी काफी बढ गए है। गाडी के स्पेयर पार्टस काफी महंगे हो गए है। गाडी के खर्चे काफी बढ गए है लेकिन गाडी का भाडा वही पुराने वाला ही चल रहा है। राजेन्द्रा जी का कहना है कि डीजल के रेट बढने से गाडी का भाडा तो बढना ही चाहिए। राजेन्द्रा जी गाडी को अंडर लोड ही चलाना पसंद करते है। ओवरलोड के बिल्कुल खिलाफ है। राजेन्द्रा जी ने बताया कि ट्रासंपोर्टस के बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि गाडी को माल भाडा समय पर नही मिलता है और गाडी चलाने के लिए ट्रेंड ड्राइवर नही मिल पाते है। राजेन्द्रा जी ने सुझाव दिया कि सरकार को टैक्स कम करने के बारे में सोचना चाहिए। ट्रांसपोर्टस को उचित भाडे के दाम मिलेगे तभी वह अपने बिजनेस को अच्छे बढा सकेगे। डीजल के रेट कम करने चाहिए सरकार को। ट्रांसपोर्टस लाइन में आए दिन डीजल के बढते और घटते दामों से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी नुकसान झेलना पडता है।
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