लुधियाना के नरेन्‍द्र लाडी कहते है कि आनलाइन सिस्‍टम से जेंब में हर टाइम पैसा नहीं रखना पडता

* ओवरलोड के खिलाफ है नरेंंद्र जी, आनलाइन सिस्‍टम को मानते हैं ट्रांसपोर्ट लाइन के लिए फायदेमंद

लुधियाना के रहने वाले नरेंद्र लाडी पिछले 22 सालोंं से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। इन सालों मेंं उन्‍होंने इस बिजनेस में काफी बदलाव देखा है। इस लाइन के बारे मे उन्‍होने ट्रक सुविधा के साथ अपने विचार सांझा किए। नरेंद्र जी ने बताया कि वे 1996 से इस लाइन में है। उनके पास एक ट्रक है और वे खुद भी ट्रक चलाते है।  डिजिटल की इस दुनिया में वे मोबाइल का प्रयोग करते है। जीएसटी के बाद ट्रांसपोर्ट लाइन में क्‍या बदलाव आया है, इस बारे में नरेंद्र जी का कहना है कि जीएसटी लगने के बाद परेशानी बढी है। काम पहले से कम हो गया है। आनलाइन सिस्‍टम को वे ट्रांसपोर्ट लाइन के लिए फायदेमंद मानते है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में सबसे बडा चेंज यह देखने को मिला है कि अब जेब में हर टाईम पैसा लेकर नही घुमना पडता है । सभी काम ऑनलाइन हो जाते है। पेमेंट भी अब कैश में नही होती, बल्कि पेमेंट चेक के जरिए होती है। ड्रांइवर की जेंब मे कैश कम होने से चोरी या लूटपाट का खतरा नहीं होता है। उनका मानना है कि डीजल के रेट बढते है तो भाडे भी बढने ही चाहिए। वे कहते है कि आए दिन डीजल के रेट बढते है लेकिन भाडा नही बढाया जाता है। नरेद्र जी का मानना है कि गाडियाें में ओवरलोड बिल्‍कुल नहीं होना चाहिए। इससे गाडी को ही नुक्‍सान होता है। इसलिए सभी को अंडरलोड माल ही लादना चाहिए।
नरेंद्र जी का कहना है कि ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में काफी दिक्‍कतों का सामना करना पडता है। हर साल खर्चे बढ रहे है। रोड टैक्‍स के साथ साथ टोल टैक्‍स भी देना पड रहा है। डीजल के रेट भी हर महीने बढ जाते है। टायर और गाडी की मुरम्‍मत  पर ज्‍यादा पैसा खर्च हाेता है। इनंकम होती नही है इतनी, जितने खर्चे बढ गए हैं। सरकार को इस ओर ध्‍यान देना चाहिए और टैक्‍स में थोडी राहत देनी चाहिए। साथ ही खर्चे को देखते हुए भाडे के रेट तय होने चाहिए।

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