लोड और अनलोड का टाइम फिक्स होना चाहिए : transporter-gurvinder-singh
गुरविन्द्र सिंह जी पंजाब के डेरा बस्सी के रहने वाले है। इनके पास खुद की कोई गाडी नही है। इन्होने पिता जी से ट्रांसपोर्टस का काम सीखा । इनका कहना है कि मुझे यह काम करते हुए तीन साल हो गए है। इनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्टस बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है तो ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्ट लाइन को फायदा हो भी रहा है । ई वे बिल से ट्रांसपोर्टस लाइन को फायदा हो रहा है ई वे बिल के आने से अब गाडी को बार बार बार्डर पर खडा नही करते है। इससे समय की बचत हो जाती है। इनका कहना है कि गाडी को ओवरलोड चलाना खतरे से खाली नही है , इससे एक तो गाडी का नुकसान होता है दूसरा ओवरलोड गाडी चलाने से ड्राइवर की जान का खतरा बना रहता है और ओवरलोड गाडी चलाने से डीजल की खपत ज्यादा होती है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में माल की लोडिंग से लेकर अंलोडिग में दिक्कत आती है। कुछ पार्टी तो समय पर गाडी की लोडिंग और अंलोडिग कर देती है लेकिन कुछ पार्टिया गाडी की समय पर लोडिंग और अंलोडिग नही करती है जिससे की नुकसान होता है गाडी मालिक को तीन से चार दिन गाडियां खडी रहती है लोडिंग और अंलोडिग के लिए। इनका कहना है कि समय पर पैसा नही मिलता काम करने के बाद भी हाथ में चैक दे देते है और उनके एकाउंट में पैसे होते नही है चैक बाऊनस हो जाता है। जिससे की गाडी की किश्ते लेट हो जाती है। अब हमे तो बैक वालो ने एक तारीख दे रखी है किश्त चुकाने की , अगर हम टाईम पर किश्त नही देते तो अपनी ईमेेज खराब होती है। इस तरह से दिक्कतों का सामना करना पडता है। इनका सुझाव है कि अगर गाडी को लोड और अनलोड किया जा रहा है तो इसके लिए टाईम की अवधि देनी चाहिए अगर टाईम की अवधि से ज्याद समय लगे तो ट्रांसपोर्टस को उसके पैसे मिलने चाहिए। इनका कहना है कि सरकार को मार्केट रेय खुद तय करने चाहिए ताकि को दलाल रेट न गिरा पाए जिससे ट्रांसपोर्टस लाइन को फायदा होगा ।
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