ड्राइवरों की सुविधा के लिए रेस्‍ट हाऊस बनवाने चाहिए : transporter-vidhata

विधाता जी पंजाब में कुराली के रहने वाले है।  इन्‍होंने तीन ट्रकों से ट्रांसपोर्टस बिजनेस में काम की शुरूआत की । ट्रांसपोर्ट के अलावा इनका और भी बिजनेस है। इनका कहना  है कि इसी साल की जनवरी में इन्‍होंने काम की शुरूआत की है । इन्‍होंने तीनों गाडिया किश्‍तों में डाली है। इनका कहना है कि ई वे बिल ट्रांसपोर्टस लाइन में तो सही है। इससे समय बच जाता है। इनका कहना है कि गडियों में अंडरलोड और ओवरलोड सरकार के हाथ में ही है। सरकार खुद ओवरलोड को बंद करवाना चाहे तो करवा सकती है । इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टर्स की ज्‍यादातर कमाई तो पुलिस और आरटीओ वाले खा जाते है। इनका कहना है कि इस काम में कम्‍पटीशन काफी बढ गया है। मार्केट में भाडे के रेट रहे कम है और मार्केट में गाडियों की संख्‍या काफी बढ गई है। काम तो कम हो गया है ट्रांसपोर्टस का क्‍योंकि मार्केट में गाडियों के बढने से भाडे के रेट भी काफी नीचे गिर गए है। इनका सुझाव है कि एक तो हर 50 से 70 किलोमीटर  की दूरी पर ड्राइवरों की सुविधा के लिए रेस्‍ट हाऊस बनवाने चाहिए सरकार को ताकि ड्राइवर लोग भी  सस्‍ते दामों पर  रेस्‍ट हाऊस में आराम कर सके साथ ही स्‍वच्‍छ और सस्‍ते खान पान की भी व्‍यवस्‍था होनी चाहिए ताकि उचित मुल्‍य में ड्राइवर लोग भी खाना खा सके। इनका कहना है कि  ट्रांसपोर्टस के लिए ऐसा नियम बनना चाहिए कि वह मार्केट रेट को खराब न कर सके चाहे गाडी को खाली जाना पडे । कहने का मतलब है कि हर शहर की ट्रांसपोर्टस के अपने ही रेट होते है जबकि भाडे के रेट फिक्‍स होने चाहिए ताकि कोई परेशानी नही आए। जो कोई सस्‍ते में गाडी लेकर जाता है तो उसे पनेल्‍टी लगनी चाहिए।  इनका कहना है कि गाडी की लोडिंग और अंलोडिग का भी टाईम फिक्‍स होना चाहिए क्‍योंकि गाडी को लोड करने से लेकर अनलोड करने में गाडी को कई तक खडा रहना पडता है।

You may also like...