ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस के बिजनेस को बहुत फायदा हुआ है : transporter-kamaljot-singh

कमलजोत सिंह जी संगरूर के रहने वाले है । इन्‍होंने एक ट्रक के सा‍थ ट्रांसपोर्टस लाइन में काम की शुरूआत की थी। जब इन्‍होंने काम शुरू किया था तब इनके पास केवल एक ही ट्रक था लेकिन अपनी मेहनत व लगन से इन्‍होंने धीरे धीरे करके एक गाडी से 12 गाडियां और खडी की और इन्‍हे अपने काम में कामयाबी मिलती चली गई । इनका कहना है कि जबसे हमने काम की शुरूआत की थी तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है कि पहले जब काम शुरू किया था तब बहुत ही बढिया चल रहा था लेकिन 2016 से यह काम मंदा हो गया है। इनका कहना है कि जब से नोट बंदी हुई है तब से ही ट्रांसपोर्टस का काम कम  हो गया है। इनका कहना है कि अब ट्रांपोर्टस बिजनेस ऑनलाइन हो गया है ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस के बिजनेस को बहुत फायदा हुआ है। ट्रांसपोर्ट लाइन की कई ऐपलीकेशन आ गई है। इससे ट्रांसपोर्टर्स को फायदा हो रहा है। इसके अलावा अब माल आनलाइन मिलने लगा है। जीपीएस और ई वें बिल ने तो इस लाइन को पूरी तरह बदल दिया है। पहले गाड़ी माल लेकर जाती थी तो ट्रक मालिक को चिंता लगी रहती थी कि ड्राइवर गाड़ी को स्‍पीड से तो नहीं चला रहा। अब घर बैठे ही मालिक गाड़ी की स्‍पीड देख सकता है। जीपीएस से ये भी पता चल जाता है कि गाड़ी कहां कहां गई है। इसी तरह ई वे बिल ने टाइम की बचत कर दी है। इससे बार्डर पर कागज चेक करवाने से छुटकारा मिल गया है। गाड़ी बार्डर पर बिना रुके निकल जाती है। इन चीजों ने ट्रांसपोर्ट के काम को आसान बना दिया है। कमलजोत सिंह जी का सुझाव है कि सरकार इस बिजनेस की ओर थोड़ा ध्‍यान दें तो इसकी दिक्‍कतों को दूर किया जाए। सरकार टैक्‍स भी कम करें ताकि ट्रांसपोर्टस को राहत मिल सके।

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