डीजल के रेट बढने से भाडा तो बढना ही चाहिए : transporter gifti

गिफ़टी होशियारपुर के रहने वाले है। वे दस सालों से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे हैइनका कहना है कि जब मैंने काम की शुरूआत की थी तो एक ही ट्रक था मेरे पास, धीरे धीरे मेहनत करके  मैंने खुद के तीन ट्रक तैयार किए । इस दौरान कुछ कठिनाईयों का सामना करना पडा लेकिन हिम्‍मत नहीं हारी। गिफटी जी मोबाइल का प्रयोग करते है।  इनका कहना है कि जब काम की शुरूआत की थी तब इंश्‍योरेंस सस्‍ते थे और टायर के रेट भी सही थे , लेकिन अब इंश्‍योरेंस और ट्रायर के रेट आसमान को छू रहे है। डीजल के रेट बढने से भाडा तो बढना ही चाहिए। वे गाडियों में ओवरलोड को सही नही मानते है इनके हिसाब से गाडी को ओवरलोड चलाना गलत है । लेकिन फैक्‍टरियों वाले गाडी में ओवरलोड करवाते है । इनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत यह आ रही है कि डीजल के रेट आए दिन बढते ही रहते है लेकिन गाडियों के भाडे नही बढते है  जिस प्रकार  से गाडियों के टायर और पार्टस के रेट काफी बढे है उस हिसाब से भाडे नही बढे, खर्चा काफी बढ गया है इंनकम कम है ये सबसे बडी परेशानी का कारण है। वे सरकार से चाहते है कि डीजल के रेट और गाडी के स्‍पेयर पॉट में रियायत होनी चाहिए।ट्रांसपोर्टस से रोड टैक्‍स तो पहले से ही लिया जा रहा है। अब उन्‍हें टोल टैक्‍स भी देना पड़ रहा है। यह गलत है। अगर सरकार रोड टैक्‍स ले रही है तो टोल टैक्‍स नहीं लेना चाहिए। इस लाइन में टैक्‍स भी कम करने चाहिए, इससे होगा ये कि इंकम बढेगी, जिससे और लोग इस बिजनेस मे आएंगे और ज्‍यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। क्‍योंकि एक ट्रक से कई लोगों को रोजगार मिलता है। सरकार को इ्रश्‍योरेंस के रेट भी कम करने चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

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