सरकार इस लाइन मे टैक्स कम करें : transporter-bikkar-singh
बिक्कर सिंह जी पंजाब में संगरूर के रहने वाले है। इन्हे ट्रासंपोर्टस लाइन में काम करते हुए 20 साल हो गए है। इनका कहना है कि जब इन्होंने इस लाइन में कदम रखा था तब यह ड्राइवरी का काम करते थे । फिर इन्होंने ड्राइवरी को छोड कर अपना एक ट्रक ट्रार्सपोर्ट के बिजनेस में लगा दिया और फिर इन्होंने धीरे धीरे दो ट्रक तैयार किए। बिक्कर सिंह जी का कहना है कि इनका कहना है कि पहले काम बढिया था जब से जीएसटी आई है तब से ट्रांसपोर्टस का काम एक तरह से खत्म ही हो गया है। इनका कहना है कि डीजल के रेट बढने से भाडा तो बढना ही चाहिए। बिक्कर सिंह जी का मानना है कि अंडरलोड गाडी चलाना सही है ।हम लोगो को ओवरलोड गाडी चलाने पर कुछ फायदा नही होता उल्टा हमारी गाडी को ही नुकसान होता है। ओवरलोड गाडी चलाने से भाडा पूरा नही मिलता। वो तो व्यापारी लोग अपने माल को ओवरलोड करवाते है अपने फायदे के लिए ताकि उनको दो दो ट्रकों का भाडा न देना पडे। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस में दिक्कत यह आती है कि एक तो गाडी किश्तों पर होती है। आए महीने गाडी की किश्ते होती है। लेकिन कमाई कम होने के कारण किश्ते निकालना मुश्किल हो जाता है। इनका कहना है कि नोट बंदी होने के बाद तो ट्रांसपोर्टस का काम कम हो गया है। काम कुछ नही रहा ट्रासंपोर्टस का ऊपर से पुलिस वाले जगह- जगह पर परेशान करते है , 3000से 4000 रूपए पहले पुलिस वालो को दो फिर वो गाडी आगे जाने देते है। आए दिन टैक्स के रेट बढ रहे है। पहले टैक्स के रेट कम थे अब कितने ही बढ गए है। पहले टैक्स का रेट 3000 था अब टैक्स का रेट 15000 हो गया है भाडे के रेट पुराने ही है , तो बताओ कहा से पे करे इतना टैक्स। अब इंश्योरेंस कितने बढ गए है पहले गाडी के इंश्योरेंस भी सस्ते थे। टैक्स आए महीने बढ जाते है । वे कहते है कि हमारे भारत में ट्रासपोर्टस को कुछ नही समझा जाता है। बाहर के देशो में ट्रांसपोर्ट को बहुत अच्छा माना जाता है। उनकी महीने की सेलरी 3 लाख रूपए होती है। इधर भारत में मिस बिहेव किया जाता है ।
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