ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की दिक्‍कतों में सुधार हो रहा है : transporter-baljinder-singh

बलजिन्द्र जी डेराबसी के रहने वाले है। इन्हे ट्रांसपोर्टस लाइन में
काम करते हुए 30 साल हो गए है। जब इन्होंने काम की शुरूआत की थी तब
एक ही ट्रक था इनके पास, लेकिन अपनी मेहनत व लगन से इन्होंने 7 ट्रक
और तैयार कर लिए। इनका कहना है कि ट्रांसपाेर्ट लाइन में अब हर काम आनलाइन हो रहा है। इससे काफी फायदा हो रहा है। अब तो माल भी आनलाइन मिल जाता है। बलजिंद्र जी ऐसी आनलाइन कंपनी के साथ जुड़ना चाहते है जिसे उन्‍हें गाड़ी के लिए माल मिल सके।  इनका कहना है कि जब से जीएसटी लगी है तब से हमे बहुत फायदा हुआ है । ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में ई बे बिल शुरू होने से काफी फायदा हुआ है। इससे बार्डर पर बैरियर खत्‍म हो गए है। पहले बैरियर पर कागज चेक करवाने में कई कई घंटे लग जाते थे। कई बार तो पूरा दिन लग जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। एक बार गाड़ी में माल लोड होने के बाद सीधा वही पहुंचता है, जहां पहुंचना होता है।   इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में पिछले 30 सालों से यह चेंज देखने को मिला है एक तो रोड बहुत सही हुए है। हमारे ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में करपशन में सुधार हुआ है। करपशन में 90
प्रतिशत सुधार देखने को मिला है। इनका कहना है कि यादि डीजल के रेट बढते है तो भाडा तो भाडे के रेट भी बढना ही चाहिए। इनका कहना है कि सरकार ने बडी गाडियों में 10 प्रतिशत ओवरलोड को बढाया है।इसी तरह   छोटी गाडि़यों पर भी 5 प्रतिशत ओवरलोड बढना चाहिए। इनका कहना है कि  ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में पहले काफी दिक्कते थी लेकिन अब धीरे धीरे सुधार हो रहा है। हां सरकार को टैक्‍स में रियायत देनी चाहिए।

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