आनलाइन माल मिलने से ट्रांसपोर्टस के चक्‍कर नहीं काटने पड़ते: transporter-gaurav

गौरव जी हरियाणा में हिसार के रहने वाले है। गौरव जी को तीन साल हो गए ट्रांसपोर्ट लाइन में काम करते हुए। उनका अपना ट्रकों की बुकिंग का काम है। गौरव जी ने बतया कि उनके  पिता जी ट्रांसपोर्टस की बुकिंग का काम करते है। गौरव जी का कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन आनलाइन हो गई है। इससे फायदा भी हो रहा है। सबसे बढिया बात है कि अब आनलाइन माल मिल जाता है। इससे माल के लिए ट्रांसपोर्टर्स के चक्‍कर काटने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर गाड़ी बाहर गई है तो वापसी के लिए आनलाइन माल देख सकते है और रेट सही लगने पर माल की बुकिंग कर सकते है। इससे कोई धांधली नहीं है। वह खुद ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहते है जिससे उन्‍हे खाली ट्रक के लिए माल मिल सके। गौरव जी ने बताया की जब से जीपीएसटी लगी है तब से लेकर अब तक ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज देखने को मिल रहा है।पिछले पांच सालों से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज देखने को मिला है। पहले के मुकाबले अब महंगाई काफी बढ गई है। पहले डीजल के रेट कम थे, इस समय डीजल के रेट काफी बढ गए है। आज के समय में गाडी को आसनी से माल नही मिल पाता है। पहले गाडी को आसनी से माल मिल जाता था। ओर भी कई तरह के बदलाव आऐ है ट्रांसपोर्टस लाइन में।गौरव जी का कहना है कि डीजल के रेट बढते है तो भाडे के रेट भी बढने चाहिए। गौरव जी गाडियों में अंडरलोड को सही मानते है। ओवरलोड गाडी चलाने से एक्‍सीटेड के ज्‍यादा चांस होते है। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी में रखा माल भी सुरक्षित रहता है। गौरव जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस लाइन में इस समय सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि टोल टैक्‍स और इंश्‍योरेंस के रेटबहुत बढ गए है। सरकार को इसे कम करना चाहिए। ड्राइवर कम पढे लिखे होते है । उन्‍हें आनलाइन सिस्‍टम के बारे में पता नहीं हेाता है। आनलाइन सिस्‍टम के बारे में उनकी अवेयरनेस के लिए कुछ करना चाहिए सरकार को।

 

 

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