चलान को तीन स्‍टेपस में डिवाइड कर देना चाहिए : Charanjeet singh

चरणजीत सिंह जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। चरणजीत सिंह जी ने दो गाडियों से ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी और आज इनके पास 50 गाडियां अपनी है। चरणजीत सिंह जी ने बताया की जब से जीएसटी लगी है तब से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज देखने को मिला है। दो नंबर का काम बंद हो गया है। ट्रांसपोर्टस का काम जीएसटी लगने के बाद एक नंबर में होने लगा है। चरणजीत सिंह जी गाडियों में जीपीएस नही लगवाते है क्‍योंकि इनका कहना है कि परचयून के काम में जीपीएस की जरूरत नही पडती है। चरणजीत सिंह जी ने बताया कि फास्‍ट टैग से टोल बैरियर पर लगने वाली लंबी लाइन से छुटकारा मिल जाएगा। गाड़ी माल लेकर जाती है तो रास्‍ते में कई टोल बैरियर पड़ते है। एक टोल बैरियर पर पांच से 10 मिनट लग जाते है। कई  बार लाइन लंबी होने पर समय जाता लग जाता है। फास्‍ट टैग से गाड़ी आराम से टाेल बैरियर से निकल जाएगी। चरण जीत सिंह जी ने मोटर व्‍हीकल के बारे में कहा कि यह एक्‍ट अच्‍छा है, लेकिन इतने ज्‍यादा चलान के रेट को दे पाना असंभव सा लगता है। सरकार को चलान के रेट को तीन स्‍टेपस में डिवाइड कर देना चाहिए। पहले चलान पर रेट थोडे कम होने चाहिए। दूसरे चलान पर चलान को रेट पहले चलान के रेट से थोडा हेवी होना चाहिए और तीसरे चलान पर 6 महीने के लिए गाडी का लाईसेंस  रदद कर देना चाहिए। चरणजीत सिंह जी गाडियों में अंडरलोड ही डालना पंसद करते है। उनका कहना है कि अंडरलोड डालने से गाडी को नुकसान नही होता है। अंडरलोड गाडी को चलाने से ड्राइवर की जान को खतरा कम रहता है और गाडी में रखा हुआ माल भी सुरक्षित रहता है। चरणजीत सिंह जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस लाइन में सबसे ज्‍यादा पॉब्‍लम यह आ रही है कि गाडी के इंश्‍योरेंस काफी बढ गए है। गाडी को कही से भी profit नही हो रहा है। पचास हजार रुपए तक तो एक गाडी का इंश्‍योरेंस हो रहा है। चरणजीत सिंह जी का सुझाव है कि गाडी के इंश्‍योरेंस के रेट कम होने चाहिए और टैक्‍स में कटौती होनी चाहिए।

 

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