अंडर लोड गाडी चलाना काफी हद तक सैफ है : transporter-puranchand

पूरनचंद मुबारकपुर के रहने वाले है। इन्‍होंने दो ट्रकों के साथ काम शुरू किया  था अब इनके पास खुद की एक ही गाडी है। इनका कहना है कि जो लोग पढे लिखे नही है वो लोग तो ऑनलाइन ट्रांसपोर्टस का फायदा तो उठा नही पाते है । पुराने लोगो को तो ऑनलाइन सिस्‍टम से कुछ फायदा नही है। उनका कहना है कि ई वे बिल का ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी फायदा है बैरियर उठने से समय की बचत हो गई है अब गाडी को बार्डर पर चैक करवाने के लिए ज्‍यादा दिन तक खडा नही रहना पडता। अब गाडी माल लेकर जल्‍दी पहुंच जाती है। पूरनचंद जी अंडर लोड गाडी चलाना पंसद करते है। उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी के टायर जल्‍दी नही घिसते है और जान माल का खतरा कम रहता है, अंडर लोड गाडी चलाना काफी हद तक सैफ भी है। इस बिजनेस  में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि जब से जीएसटी लगी है और नोट बंदी आई है तब से  ट्रा्ंसपोर्टस का काम  कम हो गया है। हर चीजो के रेट चार गुण बढ गए है लेकिन भाडे के रेट पुराने बीस साल वाले ही मिल रहे है और खर्चे आज के हिसाब से है। टैक्‍स इतने बढ गए है डीेजल के रेट  बढ गए है और टोल टैक्‍स व इंश्‍योरेंस के बढने से काम में काफी मंदी आ गई।  इनका सुझाव है काम तभी बढ पाऐगा  अगर गाडी के लिए माल मिले। गाडी को समय पर माल मिलता रहे तो हर काम हो सकता है काम मिलेगा तो पैसा आएगा। उनका कहना है कि अगर सरकार चाहे तो इस बिजनेस को राहत मिल सकती है। सरकार को चाहिए कि रोड टैक्‍स और टोल टेक्‍स मे एक टैक्‍स ही लें। क्‍योकि ट्रांसपोर्टर दोनों टैक्‍स दे रहे है। एक तरह का टैक्‍स ट्रांसपोर्टर्स से दो बार लिया जा रहा है, जो गलत है।

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