सरकार  को खुद ही ओवरलोड को खत्‍म कर देना चाहिए  : transporter-eshver-singh

ईश्‍वरजीत सिंह  जी पंजाब में डेराबसी के रहने वाले है। इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी आज  इनके पास खुद की दो गाडिया  है। वे इस बिजनेस में अपनी मेहनत और लगन  से सक्‍सेज हुए। उनका कहना है कि जब से यह काम शुरू किया है तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है कि कंपनी वाले तो पूरा भाडा देते है लेकिन आगे जो गाडी को बुक करवा कर देते है असली कमाई तो ट्रांसपोर्टस की उनके हाथों में जाती है। इनका कहना है कि इस काम में ब्रोकर बहुत है जो ट्रांसपोर्टस के काम को बिगाड रहे है। ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से इस लाइन  को यह फायदा हुआ है कि सरकार ने जो  टैक्‍स ऑनलाइन कर दिए है  उससे कोई  भी व्‍यक्ति टैक्‍स को चोरी नही कर सकता है। टैक्‍स के ऑनलाइन जमा होने से अब टैक्‍स  सीधा सरकार के हाथ में जाता  है। इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को यह  फायदा  हुआ है कि ईवे बिल के आने से अब चोरी का काम  बंद हो गया है। ई वे बिल के आने से काम एक नंबर में हो गया है। दो नंबर का काम खत्‍म हो गया है। उनका मानना है कि गाडी में ओवरलोड करपशन को बढा रहा है । ओवरलोड तो बिल्‍कुल खत्‍म होनी चाहिए। गाडी में ओवरलोड डालने पर आरटीओ और डीटीओ वाले पैसा खाते है ये भी दिक्‍कत है । सरकार  को खुद ही ओवरलोड को खत्‍म कर देना चाहिए  । कोई भी  व्‍यक्ति गाडी में ओवरलोड करे तो भारी जुर्माना लगना चाहिए। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि गाडी को माल नही मिल रहा है। डीजल के रेट बढ गए है।  टोल टैक्‍स  काफी बढ गए  है।  इस  काम में दलाल लोग बहुत हो गए है जिनकी वजह से ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत आ रही है।

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