ऑनलाइन से ट्रांसपोर्ट लाइन में पैसे का लेनदेन आसान हुआ : transporter davinder singh

देविन्‍द्र जी पिछले 20 साल से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है।  देविन्‍द्र जी कहते है कि उन्‍हें ट्रांसपोर्ट लाइन से जुडने के बाद काफी सफलता मिली है। लगातार मेहनत और लगन से किए गए काम की वजह से आज वह इस बिजनेस में सफल हुए है।  देविन्‍द्र  जी मोबाइल का प्रयोग करते है। देविन्‍द्र जी का कहना है कि इस लाइन में ऑनलाइन सुविधा ने अपनी एक अहम भूमिका निभाई है।  ऑनलाइन से इस बिजनेस के मुख्‍य काम पैसे का लेन देन आसान हो गया। अब कहीं भी कभी पैसे का लेन देन सुविधा व सेफ तरीके से किया जा सकता है। पहले पास में कैश होने से ड्राइवरोें के साथ लूटपााट की घनाएं होती थी। लेंकिन अब बेझिझक ऑनलाइन पैसे की पैमेंट कर सकते है। वे कहते है कि जीपीएस ने ट्रांसपोर्टरों की परेशानियों को काफी हद तक कम दिया है। इससे गाड़ी की चिंता दूर हो गई है। देविन्‍द्र जी का कहना है कि जीएसटी लगने के बाद ट्रांसपोर्ट लाइन में ज्‍यादा चेंज नही आया हैैै। भाडे का रेट तो अभी भी 5  साल पुराना है लेकिन डीजल का रेट सन 2019 वाला है। उनका कहना है कि अंडरलोड सही है, लेंकिन फिर भी अपनी जान जोखिम में डालकर कुछ ड्राइवर ओवरलोड लेकर चलते है। उनका कहना है कि  गाडी से खर्चा निकालने के लिए तो गाडी ओवरलोड करनी पडती है। यदि ओवरलोड लेकर न चला जाए तो लेबर व ड्राइवरों का खर्चा भी नहीं निकल पाता। यदि अपनी ड्राइवर व लेबर का खर्चा न निकले तो ट्रांसपोर्टस को आर्थिक नुकसान पहुंचता है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत तो यह है कि स्‍टाफ नही मिल पाता और इंश्‍योरेंस  काफी मंहगे हो गए है। उनका कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह  गाडियों के इंश्‍योरेंस का रेट कम करे। इसके अलावा टैक्‍स भी बहुत ज्‍यादा है, यह भी कम होने चाहिए।

 

 

 

 

 

 

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