transporter सुरेश गुप्‍ता की दो पीढियां इस बिजनेस से जुड़ी है

सुरेश गुप्‍ता जी पंजाब में मलेरकोटला के रहने वाले है। इनकी दो पीढिया इस बिजनेस से जुड़ी है। इनके पास खुद की छ: गाडियां है। इनके पिता जी 45  साल से इसी लाइन से जुडे हुए है। ट्रांसपोर्ट लाइन का लंबा अनुभव इनके काफी काम आ रहा है।  इनका  कहना है कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। ऑनलाइन काम होने से ट्रांसपोर्टस के काम में किसी भी तरह की कोई परेशानी नही आ रही है।  ऑनलाइन सिस्‍टम से काम आसन  हो जाता है। काम को कही पर भी ऑनलाइन करवा  सकते है। गाडियों को ऑनलाइन माल मिलेगा  तो बहुत ही फायदेमंद होगा।  सुरेश जी कहते है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। ई वे बिल के पास होने से यह फायदा है कि हम जितना  माल लेकर जाते है उसकी पूरी जानकारी हमारे पास होती है । इससे दो नंबर का काम कम हो गया है। सुरेश जी गाडियों को अंडरलोड ही चलाते है । वे कहते है किओवरलोड डालने से गाडी के टायर जल्‍दी घिस जाते है। ओवरलोड से गाड़ी की मेनटेंनस भी बढ जाती है। इसलिए इन्‍होंने ड्राइवरों को ओवरलोड न करने की हिदायत दी है। सुरेश जी बताते है कि इन्‍हे इस काम में किसी भी तरह की कोई दिक्‍कत नही आ रही है। इनका ट्रांसपोर्टस का काम बढिया चल रहा है।  इनका मानना है कि ट्रांसपोर्टस लाइन में गाडी को समय पर माल मिलता रहे तो काम और भी बढिया हो जाएगा। देश भर में आई मंदी का असर ट्रांसपोर्ट लाइन पर भी पड़ा है। अब ट्रांसपोर्ट का काम कुछ मंदा हो गया है। उनका मानना है कि यह मंदी कुछ दिनों के लिए ही है। सुरेश् जी का सुझाव है कि सरकार को इन बिजनेस पर टैक्‍स कम करने चाहिए। इससे काम काफी बढ जाएगा और लोगो को रोजगार भी मिलेगा।

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