ट्रांसपोर्ट लाइन में कुछ चीजो में सबसीडी देनी चाहिए : transporter-pradeep-kumar

प्रदीप कुमार जी पंजाब में डेराबस्‍सी के रहने वाले है । इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की आज इनके पास खुद की चार गाडिया है। प्रदीप जी बताते है किउन्‍होंने इस लाइन मेें कड़ी मेहनत की है। कई बार खुद गाड़ी चलाई। कई बार ऐसा समय भी आया कि गाड़़ी को कई कई दिन तक माल नहीं मिलता था, लेकिन उन्‍होने हिम्‍मत नहीं हारी। मेहनत और सब्र के कारण वह इस लाइन में सक्‍सेज हुए है। प्रदीप जी का कहना है कि आज ट्रासंपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन लोने से काफी फायदा हो रहा है।माल के लिए अब ब्रोकर की जरूरत नहीं है, आनलाइन माल बुक किया जा सकता है। अब भाड़ा भी आनलाइन मिल जाता है। पेमेंट चेक मकी बजाय सीधे खाते में आ जाती है। उन्‍होने कहा कि गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से हमे गाडी की लोकेशन का पता रहता है।इसके साथ साथ ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज आ गया है। ई वे बिल के आने से बार्डर से बैरियर खत्‍म हो गए है। अब गाडी को बार बार  बार्डर पर गाडी चैक करवाने  मे समय खराब नही करना पडता है। इनका कहना है कि गाडियों को अंडरलोड ही चलाना चाहिए। उनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि जब से नोट बंदी हुई है इंडस्‍टी में काम कम हो गया है। इंडस्‍टी में काम न आने की वजह से मार्केट में काम की कमी है। इनका सुझाव है कि इंश्‍योरेंस के रेट काफी बढ गए है, सरकार को इसे कम करना चाहिए। ट्रांसपोर्ट लाइन में कुछ चीजो में सरकार को सबसीडी देनी चाहिए । टोल टैक्‍स और रोड टैक्‍स में एक टैक्‍स ही लेना चाहिए।

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