अगर आज डाउन है तो कल अप भी हाेगा : transporter-kulvant-singh

कुलवंत सिंह जी अंबाला के रहने वाले है। इन्‍हे इस लाइन में काम करते 15 साल हो गए  है। इन्‍होंने इस काम की शुरूआत ड्राइवरी से शुरू की थी।  ड्राइवरी करते करते इन्‍होंने अपनी दो गाडियां बना ली थी और अब भी ड्राइवरी का काम करते है। इनका कहना  है कि उनका काम तो बढा लेकिन उनका एक्‍सीडेंट होने की वजह से काम खराब हो गया। कुलवंत सिंह जी कहते है किइस लाइन में मेहनत करने वालोंको सफलता जरूसर मिलती है। काम में अप डाउन तो होता ही रहता है। अगर आज डाउन है तो कल अप भी हाेगा। उनका कहना है कि इस काम में जो  बडे व्‍यापारी है वो छोटे व्‍यपारियों का काम ठप कर रहे है , जैसे कहते है न की बडी मंछली छाेटी मछली को खा जाती है , ठीक उसी तरह ट्रांसपोर्टस बिजनेस में हो रहा है। छोटे व्‍यपारियों को कुछ नही बचता असली कमाई तो बडे व्‍यपारियों के हाथ में चली जाती है। एक गाडी  वाले को कुछ नही बच रहा  है। इनका कहना है कि गाडी में जीपीएस के लगने से और ऑनलाइन माल मिलने से काफी फायदा हो रहा है। यादि भाडे के रेट बढिया मिले तो और भी बढिया है। इनका कहना है कि ठेकेदारो ने तो ट्रांसपोर्ट्स का काम ठप ही कर दिया  है । बडे  बडे व्‍यपारी ठेका ले लेते है काम का जिनके पास पैसा होता है वो ठेके पर ले लेते है ट्रांसपोर्टस का काम । आगें वे सस्‍ते पे छोटे व्‍यपारियों को कम भाडे पर दे देते है। उनका कहना है कि ओवरलोड कोई ट्रांसपोर्टर नहीं करना चाहता है, लेकिन व्‍यापारी आोवरलोड डालने के लिए प्रेशर डालते है। असल में तो व्‍यापारियों को ही ओवरलोड का फायदा होता है। ट्रांसपोर्टर ओवरलोड करता है तो इस लाइन को ही नुकसान है क्‍योंकि दो गाड़ी का माल एक गाड़ी में डाला जाता है,  ऊपर से रास्‍ते में ओवरलोड का चलान अलग हे होता है।

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