गाडी के इंश्‍योरेंस बहुत बढ गए है : transporter-jaspreet-singh

जसप्रीत सिंह जी राजपुरा के रहने वाले है।  इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी । आज इनके पास खुद की सात गाडियां  है। इनका कहना है कि इनहोंने बडी ही मेहनत और लगन से यह काम शुरू किया था और अपनी मेहनत के बल पर आज सात गाडियां तैयार की है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी तब काम बढिया था तब भाडे के रेट कम थे और डीजल के रेट भी कम थे। आज डीजल के रेट भी ज्‍यादा है और भाडे के रेट भी नही बढते है। आज ट्रांसपोर्टस बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है ऑनलाइन होने से यह बिजनेस बढिया रहा है ट्रांसपोर्टस लाइन में ई वे बिल के आने से इस लाइन को काफी फायदा हुआ है। ई वे बिल के आने से बैरियर उठ गए है। बैरियर के उठने से अब गाडी को बार बार रूकना नही पडता है। अब गाडी समय से माल पहुंचाकर समय से खाली हो जाती है । इसके अलावा ड्राइवर लोग को भी रेस्‍ट के लिए समय मिल जाता है। जसप्रीत जी गाडी को अंडरलोड चलाना ही पंसद करते है। इनका कहना है कि गाडी को ओवरलोड चलाने से गाडी को नुकसान होता है जबकि गाडी को अंडरलोड चलाने से गाडी सेफ रहती है। उनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि गाडी को माल नही मिलता लोडिंग के लिए और गाडी के इंश्‍योरेंस बहुत बढ गए है। इनका सुझाव है कि इस बिजनेस को तभी फायदा होगा जब सरकार रोड टैक्‍स और टूल टैक्‍स मे से एक टैक्‍स ले और इंश्‍योरेंस के रेट कम हो, साथ ही गाडी को भाडे के रेट सही मिले। अगर ट्रांसपोर्ट लाइन में टैक्‍स कम हाेगा तो ट्रांसपोर्टर्स को फायदा होगा।

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