ट्रांसपोर्टस में दलाल खत्‍म होने चाहिए : transporter-jarnail-singh

जरनेल सिंह जी पंजाब के डेराबंसी के रहने वाले है। इनका कहना है कि इन्‍होंने ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत एक ट्रक के साथ शुरू की थी अब इनके पास खुद की तीन गाडियां है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस का अब काफी फायदा हो गया है ऑनलाइन पेमेंट मिल जाती है। गाडी में जीपीएस के होने से गाडी का पता रहता है कि गाडी कहां पर खडी है। ऑनलाइन बिजनेस के होने से काफी फायदा मे रहा है ट्रांसपोर्टस का काम। ई वे बिल के इस लाइन को फायदा यह हुआ है कि अब गाडी वाले को पता होता है कि गाडी में एक नंबर का ही माल है उसे गाडी मे माल लेकर जाने में कोई दिक्‍कत या परेशानी का सामना नही करना पडता है। ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस का काम एक नंबर में हो गया है। इस बिजनेस में काम पहले जैसा नही रहा है अब माल  और भाडे को लेकर थोडी परेशानी का समना करना पड रहा है। जब से काम शुरू किया है तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिल रहा है कि अब भी भाडे के रेट 20 साल पुराने वाले है और खर्चे 2019 वाले है। और मार्केट में माल न मिलने की वजह से काम कम है। इनका कहना है कि गाडी को अंडर लोड चलना ही बेहतर है ओवरलोड गाडी भरने से गाडी वाले को ही नुकसान होता है और उसे भाडा भी पूरा नही मिल पाता है। इस बिजनेस की सबसे बडी दिक्‍कत का कारण है कि  ट्रांसपोर्टस की यूनियन के बंद होने से काम काफी कम हो गया है अब तो गाडी के लिए माल भाडा नही मिल रहा । इनका सुझाव है कि हमारे को गाडी का पूरा भाडा नही मिल रहा है बीच मे जो दलाल लोग है वो ट्रांसपोर्टस की कमाई को खा रहे है एक तो वो चीज खत्‍म होनी चाहिए। गाडी के इंश्‍योरेस मंहगे है और परमट इतने महंगे है , इन चीजो में रियायत मिले तो  काम बढ सकता है ।

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