टैक्‍स  के रेट कम हो और माल भाडा टाईम पर मिलें : transporter-darbara-singh

दरबारा सिंह  जी अंबाला के रहने वाले है । इनका कहना  है कि इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस का काम शुरू किया था गाडी के साथ साथ इनका खुद काा खेती बाडी का भी काम है।  ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन में यह फायदा हुआ है कि अब ट्रांसपोर्टस बिजनेस का काम एक नंबर में हो गया है।  इनका कहना  है खेती के साथ थोडा बहुत गाडी चला कर घर का खर्चा निकाल लेते है अकेले एक गाडी के साथ परिवार का खर्चा निकालना तो मुश्‍किल है। जब से इस बिजनेस की शुरूआत की है तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है कि पहले काम बढिया था हर चीज के रेट सही थे भाडे के रेट भी सही मिलते थे और माल भाडा भी असानी से मिल जाता था , लेकिन अब यह चेंज आया है कि अब न तो काम के लिए माल मिलता है अगर माल मिल भी जाए तो भाडा सही नही मिलता है। ट्रांसपोटस के बिजनेस का ऑनलाइन होने से फायदा  है कि अब समय बच जाता है कागजी कार्यवाही में ऑनलाइन ही सब हो जाता है। ओवलोड को गलत मानते है क्‍योंकि ओवरलोड से गाडी को एक्‍सिडेंट का खतरा कम रहता है अंडरलोड में भाडे के रेट सही मिले तो कोई भी अपनी गाडी ओवरलोड करना ही नही चाहता है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत है कि माल भाडे के रेट सही नही मिल रहे और माल के लोडिंग और अनलोडिंग को लेकर दिक्‍कत का सामना आए दिन ही करना पडता है। इनका सुझाव है कि बिजनेस को बेहतर बनाने के लिए टैक्‍स  के रेट कम हो और माल भाडा टाईम पर मिल जाए तो काम बढिया रहेगा। ट्रांसपोर्ट लाइन में टैक्‍स बहुत ज्‍यादा है। सरकार को टोल टेक्‍स और रोड टेक्‍स में से एक टैक्‍स ही लेना चाहिए।

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